मध्यप्रदेश में पेट्रोल डीजल पर लगाए गए टैक्सों को कम करने और अन्य मांगों को लेकर पेट्रोल पंप संचालकों ने विरोध का नया तरीका अपनाया है। हर मंगलवार और शनिवार को शहर सहित ग्रामीण अंचल के पेट्रोल पंपों पर ब्लैकआउट नजर आएगा। इस दौरान शाम 7:30 बजे से 8:00 बजे तक पंपों पर लाइटिंग पूरी तरह बंद रहेंगी। इसकी शुरुआत 21 दिसंबर से होने वाली है।
आम जनता पर नहीं होगा असर
ग्वालियर चंबल संभाग के पंप संचालकों ने एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए आंदोलन का यह कदम उठाने की तैयारी कर ली है। 30 दिसंबर गुरुवार से नो पर्चेस के तहत पंप संचालक कोई लोड नहीं लेगा, इस दौरान टैंकरों से आने वाला पेट्रोल और डीजल पंप संचालक नहीं लेंगे। हालांकि इसका असर जनता पर नहीं होगा। पंप संचालकों का ये विरोध संबंधित पेट्रोलियम कंपनी से है।
पंप संचालकों की मांगें
- पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
महंगाई के कारण पंप संचालन के तमाम खर्चे दोगुने हो गए हैं। ऐसे पेट्रोल पंप डीलर्स के कमीशन को बढ़ाया जाए।
मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर लगे वैट की दरों को उत्तर प्रदेश के बराबर किया जाए। महंगाई कम हो ताकि डीलर्स व पेट्रोल पंप कर्मचारियों का जीवन यापन ठीक से होता रहे।
प्रदेश में अवैधानिक रूप से बायोडीजल के नाम पर केमिकल बेचा जा रहा है। ऐसे पंपों पर शासन की ओर से कार्रवाई की जाए। इसके कारण सरकार को जहां राजस्व की हानि होती है। वहीं, वाहनों के मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ रहा है।
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