Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए आए एक मामले में अदालत ने सजायाफ्ता की सजा निलंबित करते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। दरअसल मामला एनडीपीएस एक्ट से जुड़ा हुआ है जिसमें नरसिंहपुर एनडीपीएस कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई थी। गांजा रखने के आरोप में गिरफ्तार करने के मामले में मादक पदार्थ की एफएसएल रिपोर्ट में स्मैक मिलने की पुष्टि हुई थी।
क्रिमनल अपीलकर्ता पूरनलाल चौधरी की ओर से अधिवक्ता संदीप जैन ने पक्ष रखते हुए दलील दी कि नरसिंहपुर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दबिश दी थी। मौके से गांजा की जब्ती बनाई गई, जिसमें से दो सैंपल लेकर एफएसएल विभाग सागर भेजे गए। अव्वल तो लंबे समय तक कोर्ट में एफएसएल की रिपोर्ट पेश नहीं की गई। वहीं मामला जब निर्णय के स्तर तक पहुंच गया तब एफएसएल रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें भेजे गए सैंपल स्मैक के होने की पुष्टि हुई। जिसके चलते पुलिस व अभियोजन की कहानी ही झूठी साबित होती है। दलील दी गई कि इस बात से साबित होता है कि मामला झूठा फंसाए जाने का है।
हाईकोर्ट ने मामले में दलीलें सुनने के बाद यह पाया कि एनडीपीएस कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को दरकिनार कर सजा सुनाई जो कि निरस्त करने योग्य है। लिहाजा अदालत ने सजा निरस्त करते हुए सजायाफ्ता पूरनलाल को जमानत पर रिहा करने का निर्णय लिया है।