संजय गुप्ता, Indore. पुलिस कमिशनरी लागू होने के बाद भी पुलिस द्वारा लोगों को परेशान करने और रिश्वत मांगने के मामले कम होने की जगह बढ़ते जा रहे हैं। लोकायुक्त पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में एमआईजी थाने में मंगलवार रात को छापा मार दिया, लेकिन सिपाही मौके से रिश्वत लेकर बाइक से फरार हो गया। हालांकि लोकायुक्त टीम को लीड कर रहे डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि अभी लोकायुक्त ने दोनों सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, मामले की जांच हो रही है, पकड़ने के लिए छापा नहीं मारा था, मीडिया में इसके पहले ही न्यूज आ गई।
यह है मामला
सोमवार को इंदौर के एमआर-09 निवासी आटो डील व्यवसाई को एमआईजी पुलिस ने हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और उसकी पत्नी टीना से छोड़ने के बदले में सिपाही श्याम जाट व निरेंद्र दांगी ने एक लाख की रिश्वत मांगी। बाद में सौदा 50 हजार रुपए में तय हुआ, जो तीन किश्तों में 15 हजार मंगलवार को, 15 हजार बुधवार और बाकी एक-दो दिन बाद देना थी। पहली किश्त मंगलवार को मांगी गई। सिपाही ने टीना की बात भी अपने फोन से कराई। बाद में टीना लोकायुक्त एसपी एस. सराफ से मिली और सारी बात बताई। डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल की टीम प्लानिंग कर रात को थाने के बाहर पहुंच गई। टीना को देखकर सिपाही जाट ने उन्हें थाने के बाहर गली में बुलाया, लोकायुक्त की टीम भी उस ओर गई। सिपाही ने टीना से रुपए लेकर बाइक की डिक्की में रखे और तेजी से निकल गया। लोकायुक्त की टीम को वह हाथ नहीं लगा, लेकिन आसपास के सीसीटीवी में घटना कैद हो गई। अब लोकायुक्त टीम सिपाहियों को तलाश रही है। उधऱ् पुलिस कमिशनर का कहना है कि मामले में दोषी पुलिसकर्मियें को निलंबित करेंगे और अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करेंगे। दोनों पुलिसकर्मी थाने में पूछताछ के लिए लाए गए एक युवक को छोड़ने के एवज में 40 हजार की मांग कर रहे थे, जिसके बाद पीड़ित महिला ने लोकायुक्त पुलिस की शरण ली और 40 हजार में से पहली क़िस्त के 15 हजार लेते पुलिसकर्मियो को पकड़ा । खास बात ये है कि पुलिसकर्मियो को कुछ भनक लग गई थी जिसके चलते वे भाग निकले।