GUNA: नगर पालिका अध्यक्ष पद को बीजेपी में गहन मंथन जारी, सिधिंया समर्थकों ने बढ़ाई परेशानी,  दो नए नाम आए सामने 

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Naveen Modi
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GUNA: नगर पालिका अध्यक्ष पद को बीजेपी में गहन मंथन जारी, सिधिंया समर्थकों ने बढ़ाई परेशानी,  दो नए नाम आए सामने 

Guna. नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद को लेकर सविता गुप्ता या सुनीता रघुवंशी को लेकर भाजपा के मैनेजमेंट के बीच मंथन जारी है। अध्यक्ष बनाने को लेकर सिंधिया समर्थकों का अंदरूनी विरोध शुरू होकर जिले से लेकर प्रदेश तक जा पहुंचा है। भाजपा पार्टी अब तक दो कैंडिडेट को लेकर अपने स्तर पर मैनेज कर रही थी,और सब कुछ तय हो रहा था ऐसे में इन दो नए नामों के सामने आकर मूल भाजपा के कार्यकर्ताओं को अध्यक्ष बनाने के दावे को लेकर भाजपा के एक ही धड़ा यानि सिंधिया समर्थकों में रार बढ़ गई है। बता दें सिंधिया समर्थकों में नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर दो फाड़ है और एक गुट सविता अरविन्द गुप्ता के नाम की पैरवी कर रहा है तो दूसरा गुट सुनीता रविन्द्र रघुवंशी के नाम को फाइनल करने की जिद पर अड़ा है। जिसमें सविता अरविन्द गुप्ता का नाम सिंधिया समर्थक प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया की ओर से फाइनल होने की चर्चाएं हैं। सविता अरविन्द गुप्ता के नाम का विरोध स्थानीय स्तर पर भाजपा के ही नवनिर्वाचित आधा दर्जन पार्षद ही नहीं, बल्कि वे लोग भी कर रहे हैं जो नगर पालिका अध्यक्ष पद के दावेदार थे, जिन्हें हाल ही में हुए नगर पालिका के चुनाव में आपसी रणनीति के चलते हार मिली है।  उधर मूल भाजपा की सेवा करती निष्ठावान कार्यकर्ता नपा चुनाव जीतीं दो महिला पार्षद कीर्ति सरवैया और संध्या सोनी के नाम अध्यक्ष पद के लिए चर्चाओं में तेजी से चल पड़े हैं। वही इनके नाम भाजपा प्रदेश हाईकमान तक भी पहुंच गए हैं।  बीते दिनों में भाजपा पार्षदों का एक दल स्थानीय नेताओं के साथ भोपाल में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन और प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से मिला था। इन पार्षदों ने खुलकर कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष मूल भाजपाई को ही बनाया जाए। वरिष्ठ नेतृत्व ने इस पर चिंतन कर निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका में उपाध्यक्ष पद के लिए  मूल भाजपा की ओर से नवनिर्वाचित पार्षद डा. कल्याण लोधा का नाम उपाध्यक्ष पद के लिए तेजी से चल रहा है। वहीं सिंधिया समर्थक कैलाश धाकड़ भी अपनी दावेदारी को लेकर संतुष्ठ हैं। इनके अलावा भाजपा के कुशवाह समाज के एक और पार्षद का नाम भाजपा कार्यकर्ताओं की जुबान पर छाया हुआ है।



भाजपा पार्षदों के भोपाल में सुरक्षित रखने की चर्चा



प्रदेश में पालिका ओर परिषदों में अपने जीते पार्षदों को अध्यक्ष बना कर उन्हें बैठाने को लेकर भाजपा संगठन कदम फूंक-फूंक कर रख रही है, अब जबकि 10 अगस्त को सभी निकायों में चुनाव होगा। दोनों ही दलों ने अपने-अपने पार्षदों को सुरक्षित रखने के लिए जिले से बाहर सैर के बहाने उन्हें भेजना शुरू करते हुए बाड़ा बंदी में रख लिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा जहां पार्षदों को भोपाल या इंदौर भेजने की तैयारी कर रही है, तो वहीं कांग्रेस के कुछ पार्षदों का राजस्थान में होना बताया जा रहा है। हालांकि यह चर्चा में बात आ रही है वे सभी यही अपनी मर्जी से घूमने आए हैं।



37 वार्डो में भाजपा के पास 24, कांग्रेस के पास 12 एक अभी भी अलग



गुना नगर पालिका के 37 वार्डों में 19 पर भाजपा प्रत्याशी जीतकर आए हैं। 12 पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। 6 निर्दलीयों के खाते में गए। 5 निर्दलीय पार्षदों ने कुछ दिन बाद ही भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे भाजपा के पास 24 पार्षद हैं। भाजपा के बागी गोपाल साहू की पत्नी विमला साहू अभी निर्दलीय पार्षद हैं उन्होंने अभी किसी पार्टी की सदस्यता नहीं ली है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा पार्षदों को 10 तारीख तक सुरक्षित स्थान पर ले जाने की भाजपा के स्थानीय संगठन ने तैयारी करते हुए उनको भोपाल या इन्दौर ले जाया जाने की चर्चा है, जबकि कुछ पार्षदों ने धर्म यात्रा या वैष्णो देवी की यात्रा करने की इच्छा जताई है। इस संबंध में एक बैठक बीते रोज एक होटल में हुई उसमें पार्षदों से कहा कि वे भोपाल या इंदौर जाकर ओंकारेश्वर घूम आएं।



भाजपा के भीतरघातियों की हो चुकी हैं शिकायत



भाजपा पार्टी में सिंधिया की एंट्री के वाद पार्टी में अपना वजन बढ़ाने को लेकर समर्थकों ने मूल भाजपा कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक कद के आधार पर दवाब बनाते हुए अपना दबदबा कायम रखा है जो भाजपा के मूल निष्ठावान कार्यकताओं को रास नही आ रहा है इसके अलावा नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कई मूल भाजपा नेता भी सुनीता रविन्द्र रघुवंशी के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं। यहां तक कि उनको नगर पालिका के पूर्व अध्यक्षों का आशीर्वाद प्राप्त होना भी है। वहीं अरविन्द गुप्ता के पक्ष में वे पदाधिकारी हैं जिन्होंने मूल भाजपा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर टिकट बंटवाये थे। सिंधिया समर्थक और मूल भाजपा के जो अध्यक्ष पद के दावेदार थे, उन्हें चुनावी रणनीति के तहत चुनाव हराने में भी सफल हुए, उसके बाद अपनी शिकायत केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन हितानंद शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा को भी कर चुके हैं।


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