GWALIOR. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर दौरे और उनके द्वारा केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमित शाह को अपने शाही महल जयविलास पैलेस में रात्रिभोज के लिए आमंत्रित करने से जहाँ उन्होंने बीजेपी आलाकमान में अपनी तगड़ी घुसपैठ के संकेत दिए वहीं ग्वालियर अंचल की राजनीति में भी उनके द्वारा अपनी घुसपैठ बनाने के बड़े संकेत दिए। सिंधिया के डिनर में लोगों को छोड़कर जिन चार बीजेपी नेताओं को बुलाया गया वे सभी केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विरोधी ही माने जाते रहे हैं।
शाह के महल में जाने से बीजेपी में खलबली
केन्द्रीय गृहमन्त्री अमित शाह का इस समय बीजेपी में जो कद है वह अब तक किसी का भी नहीं रहा। एक जमाने में बीजेपी में अटल विहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की जोड़ी खूब प्रसिद्द थी लेकिन वह भी पार्टी के स्तर पर इतनी सर्व शक्तिमान यही थी। तब भी बीजेपी में पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे जैसे नेता बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। लेकिन वर्तमान में बीजेपी मोदी और शाह के आसपास इर्द गिर्द ही है। ऐसे में सिंधिया द्वारा शाह को न केवल ग्वालियर बुलाना बल्कि उन्हें अपने महल में बुलाकर शाही भोज देना बीजेपी के पुराने क्षत्रपों को झकझोर देने वाली बात है। इस वजह से बीजेपी में खलबली मचना स्वाभाविक है।
सभी सांसद शामिल हुए जिनमें नरेंद्र तोमर भी
सिंधिया द्वारा अपने महल जयविलास पैलेस में बड़े नेताओं के शाही भोज होते रहे हैं। लेकिन आमंत्रित अतिथि के अलावा पार्टी का कोई अन्य नेता इसमें कभी आमंत्रित नहीं किया गया। पहली बार है शाह के रात्रि भोज में 22 लोग शामिल थे। यह लोग सिंधिया परिवार के अलावा था जिन्होंने शाह के साथ लजीज़ भोजन का लुत्फ़ उठाया। लेकिन खास बात ये हैं कि इन बाइस में बीजेपी से सिर्फ चार ही नेता थे। बाकी या तो पड़ें थे या फिर सिंधिया के समर्थक वे नेता जो कांग्रेस छोड़कर उनके साथ बीजेपी में आये हैं। इस भोज में सिंधिया ने संभाग के सभी सांसदों के अलावा अंचल के सभी मंत्रियों को बुलाया गया था। भोज में गुना सीट से सिंधिया को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले सांसद डॉ केपी यादव भी थे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और भिंड की सांसद संध्या राय के अलावा ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर शामिल हुए। सभी सांसदों की मौजूदगी से तोमर को विशेष स्थान नहीं मिल सका। इससे पहले तोमर अंचल के सबसे बड़े क्षत्रप के रूप में मौजूद रहते थे।
इन चार नेताओं की मौजूदगी चर्चा में
जयविलास में अमित शाह के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में अधिकांश लोग उनके साथ कांग्रेस छोड़कर आये लोग थे। इसमें सभी मंत्री तो थे ही साथ ही इमरती देवी और मुन्नालाल गोयल जैसे वे लोग भी शामिल थे जो उप चुनाव हार चुके हैं। सिंधिया ने इन्हें अमित शाह के मंच पर भी स्थान दिया और आमंत्रण पत्र में भी। लेकिन ख़ास बात है बीजेपी के चार नेताओं की डिनर में मौजूदगी। बीजेपी से जो नेताओं इसमें बुलाये गए उनमें बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा , पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा , पूर्व मंत्री माया सिंह और पूर्वमंत्री नारायण सिंह कुशवाह थे। ख़ास बात ये है कि इन चारों ही नेताओं को नरेंद्र तोमर का विरोधी माना जाता है और चारों ही लम्बे अरसे से से सत्ता और संगठन में हासिए पर डले हुए हैं। इनमें से सिर्फ नारायण सिंह कुशवाह को मेयर पद पर बीजेपी की हार के बाद पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पुनर्वास जरूर किया गया लेकिन बाकी सब घर ही बैठे हैं। इन चारों को बुलाकर सिंधिया ने पार्टी के उन नेताओं को आमंत्रण दिया है जिन्हे बीजेपी के क्षत्रपों ने किनारे कर रखा है। इससे संभाग में बीजेपी के समीकरण गड़बड़ाने के संकेत भी मिल रहे हैं।