सीहोर. यहां 28 फरवरी को रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने पर सियासी माहौल गर्मा गया है। सरकारी की किरकिरी देखते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभाला। मिश्रा ने व्यवस्थाओं को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से बात की। कहा कि महाराज दंडवत कर रहा हूं, आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज। इधर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार को घेरा। पूर्व सीएम ने कहा कि शिवराज जी के गृह जिले में दबाव डालकर कथा का स्थगन कराना शर्मनाक है। वहीं, बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले को लेकर सीएम शिवराज को पत्र लिखा है। उन्होंने पूछा है कि ऐसी कौनसी विपदा आ गई जिसकी वजह से कथा को समाप्त करने के लिए दवाब बनाया गया।
नरोत्तम नतमस्तक: गृहमंत्री ने शिवरात्रि के दिन पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की। नरोत्तम ने कहा कि महाराज दंडवत कर रहा हूं। निवेदन कर रहा था कि प्रशासन की ओर से कोई दिक्कत तो नहीं है? कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी आवश्यकता हो, आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज। इस पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अब कोई दिक्कत नहीं है, व्यवस्थाएं दुरुस्त है। पंडित मिश्रा ने नरोत्तम से मंदिर आने के लिए निवेदन किया। उन्होंने जवाब में कहा कि मैं जरूर आऊंगा।
कमलनाथ ने सरकार को घेरा: पूर्व सीएम ने ट्वीट कर शिवराज सरकार पर निशाना साधा। कमलनाथ ने लिखा कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला “शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव” का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया। क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित…? एक कथावाचक को आंखो में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है। जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है उनकी सरकार की हकीकत।
एक कथावाचक को आँखो में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिये कुछ और हो नही हो सकता है…
जो ख़ुद को धर्मप्रेमी बताते है यह है उनकी सरकार की हक़ीक़त….
बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज़ , प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 1, 2022
सीएम शिवराज को इज्तिमा याद दिलाया: कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि भोपाल में प्रतिवर्ष भोपाल इज्तिमा का आयोजन होता है और उसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्री ट्रैफिक जाम का शिकार हो जाते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं सुनाई दिया कि भोपाल इज्तिमा रोक दिया गया हो। क्या सीहोर का प्रशासन इतना नाकारा था कि आयोजन की सूचना होने के बावजूद ट्रैफिक कंट्रोल नहीं कर पाया।
ये है पूरा मामला: सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था। 7 दिन की इस कथा में 15 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान था। लेकिन पहले ही दिन यहां 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच गए। इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। इंदौर-भोपाल स्टेट हाईवे पर करीब 6 घंटे तक जाम रहा। कथा सुनने आए श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। प्रशासन ने कथावाचक से बात की। जिसके बाद कथावाचक ने मंच से रोते हुए कथा स्थगित कर दी। उन्होंने भावुक होकर ऊपर से बार-बार दबाव आ रहा है, इसलिए कथा स्थगित कर रहा हूं। मुझे क्षमा करे, देश के कोने-कोन से आए श्रद्धालुओं के लिए मैं व्यवस्था नहीं कर पाया। अब कथा का आयोजन ऑनलाइन ही होगा।