SEHORE. मध्य प्रदेश सरकार विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कई योजनाओं चला रही है और प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के तमाम दावे कर रही है। लेकिन सीहोर से सिस्टम को शर्मसार करती तस्वीर सामने आई है। जो सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर किए जा रहे दावों की पोल खोलती साबित हो रही है। आष्टा तहसील के बफापुर ढाकनी गांव में एक महिला की तबीयत बिगड़ गई, जिसे परिजन और ग्रामीण इलाज के लिए लेकर निकले तो गांव का नाला उनके लिए मुसीबत बन गया। नाले पर पानी होने से ग्रामीणों ने खाट पर महिला को लिटाकर उफनता नाला पार किया लेकिन समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सके, महिला की बीच रास्ते में ही मौत हो गई । ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के एक मात्र रास्ते पर बने रपटे पर बारिश का पानी होने के चलते समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण बीमार महिला की मौत हो गई।
नाले पर पानी होने से अस्पताल ले जाने में हुई देरी
बफापुर ढाकनी गांव को मेन रोड से जोड़ने वाले मार्ग पर बीच में एक नाला है। नाले पर पुल नहीं बना है, जिसे बारिश में पार करना मुश्किल होता है। वहीं लगातार 3 दिनों से हो रही बारिश के कारण नाले पर तेज बहाव है जिसके चलते कई घंटो तक बीमार महिला रेशम बाई को समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका, इससे इलाज नहीं मिलने से महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
खाट पर लिटाकर बहते में पानी में ले गए ग्रामीण
गांव के सरपंच सतीश खजुरिया का कहना है कि आष्टा की ग्राम पंचायत बफापुर ढाकनी में दर्दनाक घटना हुई है। रास्ते में पड़ने वाले नाले पर पुलिया नहीं बनी है। जिससे महिला को खाट पर लिटाकर अस्पताल ले गए। लेकिन नाले में पानी भरे होने के कारण बीमार महिला को अस्पताल ले जाने में देरी हई जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने के चलते महिला की रास्ते में ही मौत हो गई।
कई बार लगा चुके पुलिया बनाने की गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शासन-प्रशासन से नाले पर पुलिया बनाने की मौखिक और लिखित शिकायत कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं, इससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।