Bhopal. सोनिया गांधी ने 16 अप्रैल को अपने आवास 10 जनपथ पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। 4 घंटे तक चली इस मीटिंग में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) भी शामिल हुए। प्रशांत किशोर बड़ा ऐलान करने वाले हैं, इसके संकेत मिले हैं 10 जनपथ पर उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हुई मुलाकात से। यहां पहले ही कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। प्रशांत किशोर ने 2024 के चुनाव को लेकर पूरा खाका पेश किया और उनके सुझावों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित की गई है, ताकि ये तय किया जा सकेगा कि इन सुझावों और प्रस्तावों पर कैसे आगे बढ़ना है। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने को लेकर इच्छा जताई है और पार्टी की कमजोरियों और उन्हें दूर करने के उपायों को लेकर एक प्रजेंटेशन पार्टी के समक्ष दिया।
पीके को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने एक प्रेजेंटेशन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कुछ बड़े नेताओं के सामने पेश की। उनके इस प्रेजेंटेशन पर समीक्षा के लिए टीम बनाई जाएगी, जो कुछ समय बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसके बाद आखिरी निर्णय लिया जाएगा। इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अंबिका सोनी, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह और अजय माकन शामिल हैं। पिछले कुछ दिनों से अटकलें हैं कि प्रशांत किशोर को गुजरात चुनाव में कांग्रेस बड़ी भूमिका दे सकती है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 16 अप्रैल को एक अखबार में लिखे लेख में सरकार पर निशाना साधा था। सोनिया गांधी ने कहा कि आज हमारे देश में नफरत, कट्टरता औऱ असहिष्णुता का महौल है। अगर इसे अभी नहीं रोका गया तो यह काबू से बाहर हो जाएगा।
कांग्रेस की दो राज्यों पर नजर
प्रशांत किशोर की टीम गुजरात में सर्वे कर रही है। इस बैठक से पहले प्रशांत किशोर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिल चुके हैं। पंजाब चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ कई मुलाकातें हुई थीं। इस दौरान उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चली थीं। हालांकि, किशोर और कांग्रेस में बात नहीं बनी। इस साल के अंत में बीजेपी के सामने गुजरात और हिमाचल प्रदेश को बचाने की बड़ी चुनौती होगी। दोनों ही राज्यों में उसके सामने कांग्रेस टक्कर में नजर आएगी। ऐसे में सोनिया और राहुल गांधी इन दोनों ही राज्यों में पार्टी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगे।