ललित उपमन्यु, इंदौर. शहर की प्रसिद्ध और पारंपरिक गेर को यूनेस्को सर्टिफाइड कराने की तैयारी की जा रही है। इंदौर में हर साल रंगपंचमी पर लाखों लोग गेर में रंगों से सराबोर होते हैं। करीब सात-आठ दशक से निकलने वाली गेर की ख्याति समय के साथ इंदौर से निकलकर प्रदेश और देश-विदेश में पहुंच चुकी है। पहले भी गेर को यूनेस्को सर्टिफाइड कराने की चर्चा हुई थी, लेकिन कोरोना की वजह से गेर स्थगित हो गई और प्रयास ठंडे पड़ गए। लेकिन अब इंदौर प्रशासन ने इंदौर को यूनेस्को सर्टिफाइड कराने के लिए तेजी से कदम बढ़ा दिए हैं। 22 मार्च को निकली गेर में देश भर से करीब 6 लाख लोग शामिल हुए थे।
इंदौर शहर में रंगपंचमी पर निकलने वाली भव्य गैर को यूनेस्को में सर्टिफाइड कराने की की जा रही है तैयारी।
इस वर्ष देश के विभिन्न राज्यों से लोग इंदौर की गैर का आनंद लेने पहुंचे थे।#indore#GER #UNESCO@CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/biOs9AFkOF
— Collector Indore (@IndoreCollector) March 28, 2022
यूनेस्को सर्टिफाइड होने के फायदे: यूनेस्को का मूल काम वैश्विक धरोहरों को संरक्षित करना है। यूनेस्को में कोई धरोहर तब ही सर्टिफाइ़ड होती है, जब वो ऐतिहासिक होने के साथ-साथ आकर्षक भी हो। यदि कोई विरासत इसमें दर्ज हो जाती है तो उसे देश ही नहीं वैश्विक स्तर तक पहचान और मान्यता मिलती है। इससे उन स्थानों पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है।
इंदौर प्रशासन कर रहा कोशिश: इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि यूनेस्को के मापदंडों के हिसाब से गेर का डॉक्यूमेंटेशन कराया गया है। इसके लिए एक टीम बनाई गई है। गेर में अलग-अलग राज्यों के लोग शामिल हुए थे। इंदौर की गेर अगर यूनेस्को सर्टिफाइड होगी तो इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इंदौर प्रशासन गेर को यूनेस्को सर्टिफाइड कराने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है।
मध्यप्रदेश की 3 धरोहर यूनेस्को सर्टिफाइड: देश की 40 धरोहर यूनेस्को में दर्ज हैं। इसमें मध्यप्रदेश की 3 धरोहर शामिल हैं। खजुराहो के स्मारक, भीमबेटका राज आश्रय और बुद्ध स्थल यूनेस्को सर्टिफाइड हैं।