ग्वालियर. हिंदू महासभा (Hindu Mahasabha) ने अब फिर नया विवाद खड़ा कर दिया है। महासभा ने ग्वालियर (Gwalior) में "गोडसे बयान अध्ययन माला" शुरू की है। इसके द्वारा वे गोडसे के फांसी से पहले दिए बयान को लाखों लोगों तक पहुंचाएंगे। इसके माध्यम से महासभा नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे (Nathuram Godse and Narayan Apte) का महिमा मंडन करेगी। हिंदू महासभा पहले भी यहां गोडसे का मंदिर और गोडसे ज्ञानशाला बना चुकी है। इस पर भारी विवाद होने के बाद प्रशासन ने उसे बंद कर दिया था।
गोडसे की महिमा मंडन
हिन्दू महासभा ने एक बार फिर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे का महिमा मंडन शुरू कर दिया है। ग्वालियर में हिंदू महासभा ने पहले गोडसे का मंदिर और गोडसे ज्ञानशाला बनाने की कोशिश की थी, वहीं अब हिन्दू महासभा ने “गोडसे बयान अध्ययन माला” शुरू की है। इस मौके पर ग्वालियर के हिंदू महासभा भवन में एक बार फिर गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम के नारे सुनाई दिए।
अंबाला से ग्वालियर आई मिट्टी
हिन्दू महासभा ने बुधवार को दौलतगंज स्थित भवन में “गोडसे बयान अध्ययनशाला” का शुरूआत किया। इस मौके पर अंबाला जेल से आई मिट्टी को कार्यालय में रखा गया। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज हरियाणा के अंबाला से मिट्टी लेकर आए हैं, दरअसल अंबाला में 15 नवंबर 1949 को गोडसे और उनके सहयोगी नारायण आप्टे को महात्मा गांधी की हत्या के लिए फांसी दी गई थी। हिंदू महासभा ने अंबाला से इसी इलाके की जमीन से मिट्टी जमा की। इस मिट्टी को ही प्रतीकात्मक रूम से नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे माना है।
इस मिट्टी से यहां सभी का तिलक किया गय। हिन्दू महासभा ने इस मिट्टी को अध्ययनशाला में बिछाया है। हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज का कहना है- फांसी से पहले गोडसे के आखिरी बयान को जन-जन में प्रचारित किया जाएगा। महासभा के मुताबिक इस बयान को सोशल मीडिया के जरिए करोडों लोगों तक पहुंचाएंगे। इसका लक्ष्य एक करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ना है।