GWALIOR : बीजेपी से निष्कासन के बाद ग्वालियर पहुंचे प्रीतम लोधी,स्टेशन पर हुआ विजेताओं सा स्वागत बोले , मेरा निष्कासन गलत

author-image
Dev Shrimali
एडिट
New Update
GWALIOR : बीजेपी से निष्कासन के बाद ग्वालियर पहुंचे प्रीतम लोधी,स्टेशन पर  हुआ विजेताओं सा स्वागत बोले , मेरा निष्कासन गलत


GWALIOR.  ब्राह्मण और कथावाचकों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों से नाराज ब्राह्मणो  को साधने के लिए बीजेपी ने आनन -फानन में अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के ख़ास प्रीतम लोधी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निकलकर राहत की सांस ली थी लेकिन अब यह दांव और भी उलटा पड़ता दिखा रहा है।  एक तो ओबीसी महासभा लोधी के समर्थन में खुलकर सामने आ गयी और उसने एसएसपी दफ्तर पर प्रदर्शन कर लोधी के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करने वालो पर एफआईआर की मांग की वहीँ निष्कासन के बाद भोपाल से ग्वालियर पहुंचे लोधी का स्टेशन पर उनके समर्थकों ने भव्य स्वागत कर साफ़ संकेत दिया कि वे अब बीजेपी से दो - दो हाथ करने के मूड में हैं।  स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए समर्थकों की इतनी भीड़ उमड़ी की सारी व्यवस्थाएं अस्त - व्यस्त हो गयीं।



स्टेशन से सीधे गए अम्बेडकर पार्क



शताब्दी से उतरते ही उनके समर्थको की भीड़ ने उन्हें फूल मालाओं से लाड दिया और उनके समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।  स्टेशन से वे गाड़ियों के काफिले के साथ सीधे फूलबाग स्थित अम्बेडकर पार्क पहुंचे जहाँ उन्होंने आंबेडकर की प्रतिमा पर मलयर्पण किया और कहाकि बाबा साहब ने संविधान बनाकर सबको बराबरी का अधिकार दिया लेकिन जब उनके संविधान पर अमल नहीं हो रहा तो उनके पास आकर शक्ति लेने आया हूँ। भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित पिछड़ा वर्ग नेता प्रीतम लोधी देर शाम भोपाल से शताब्दी एक्सप्रेस ग्वालियर पहुंचे और ग्वालियर पहुंचने के बाद सबसे पहले वे फूल बाग स्थित अंबेडकर और गांधी उद्यान पहुंचे जहां महापुरुषों की प्रतिमा पर उन्हें नमन किया इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए प्रीतम लोधी ने अपनी सफाई में बयान भी दिया।  प्रीतम लोधी ने कहा कि लोधी समाज की बच्ची के साथ दुराचार और हत्या के मामले में गुस्से में भरकर उन्होंने कोई बात कही थी जिसको काट छांट कर गलत ढंग से पेश किया गया।  लोधी ने यह भी  कहा कि उन्होंने पाखंडी को लेकर अपने लोगों को  समझाइश दी थी जो कि आशाराम ,मिर्ची बाबा जैसे  पाखंडी माहौल खराब कर रहे हैं उनसे बचना चाहिए ,लेकिन उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया।  



बागेश्वर धाम के कथा बाचक पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई



प्रीतम लोधी ने कहा कि उनको लेकर ब बागेश्वर धाम  से जुड़े एक कथा वाचक द्वारा अनर्गल टिप्पणी की गई और उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी गई लेकिन तब संविधान चुप रहा और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई लेकिन मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज कर लिए।  उन्होंने कहाकि लेकिन मैं अपने खून का एक-एक कतरा गरीबों के लिए दूंगा और किसी से नहीं डरूंगा। भारतीय जनता पार्टी ने मुझ पर गलत कार्रवाई की है इसलिए अंबेडकर के चरणों में आया हूं क्योंकि देश में कानून और संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है जिसमें हमारी सरकार के लोग शामिल हैं। प्रीतम लोधी के फूलबाग अंबेडकर उद्यान पहुंचने के दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी यहां मौजूद रहे ऐसे में भारी पुलिस बल भी तैनात करना पड़ा।




इससे पहले लोधी के समर्थन में ओबीसी महासभा खुलकर मैदान में आ गयी।  दोपहर में ओबीसी महासभा ने प्रीतम लोधी के समर्थन में मोर्चा खोलते हुए सर्व ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों पर ही प्रीतम लोधी के खिलाफ गलत बयानबाजी करने और उन्हें जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस पहुंचकर जबरदस्त प्रदर्शन किया।  उन्होंने एसपी के नाम सम्बोधित  ज्ञापन सौंपकर  प्रीतम लोधी पर हुई सभी एफआईआर को निरस्त करने और लोधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले सर्व ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों पर मामला दर्ज करने की मांग की



इससे नाराज है ओबीसी महासभा



ओबीसी महासभा के नेताओं का कहना है की भाजपा सरकार के इशारे पर प्रीतम लोधी पर एफ आई आर दर्ज की गई है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगातार पिछड़ा वर्ग समाज के लोगों का अपमान किया जा रहा है।   पूर्व महापौर चुनाव के दौरान भी भाजपा की ग्वालियर महापौर प्रत्याशी सुमन शर्मा ने खुलेआम पिछड़ा वर्ग नेता का अपमान किया था ऐसे में भारतीय जनता पार्टी जाति विशेष के समर्थन में काम कर रही है और पिछड़ा वर्ग समाज का लगातार अपमान किया जा रहा है अगर उनकी मांगों पर दो  दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो ओबीसी महासभा सभा द्वारा तीसरे दिन ग्वालियर में विशाल जन आंदोलन किया जाएगा वही ओबीसी महासभा के प्रदर्शन को देखते हुए एसपी ऑफिस पर भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे जिन्होंने ज्ञापन देने आए लोगों को जांच का आश्वासन भी दिया।



    ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष राजेश कुशवाह ने कहाकि बीजेपी शुरू से ही ओबीसी विरोधी पार्टी है और मौका लगते ही वह ओबीसी नेता को टारगेट कर पूरे समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करती है। मेयर के चुनाव में मेयर प्रत्याशी द्वारा एक सीनियर ओबीसी नेता प्रजापति के खिलाफ प्रत्याशी द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग कर अपमानित किया गया और अब प्रीतम लोधी को निशाना बनाया गया जबकि उनका तात्पर्य पाखंडियों से था। उन्होंने कहाकि वे यह नहीं कह रहे कि गलती करने पर केस न चलाया जाए लेकिन बगैर जांच के कैद दर्ज करना अनुचित है और  पहले पुलिस इस पूरे मामले की जांच करे उसके बाद ही कार्यवाही करे और। उन्होंने कहाकि विगत दो दिनों में सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ जिन भी लोगों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की है उन सबके खिलाफ कार्यवाही की जाए। ओबीसी नेताओं ने दो दिन का अल्टीमेट भी दिया और कहाकि अगर दो दिन के भीतर उनकी मांगो पर कार्यवाही नहीं की गयी तो ओबीसी समाज बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।



कल ही धीरेन्द्र शास्त्री ने की थी तल्ख़ टिप्पणी



इस समय चर्चित कथावाचक धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा कथा के दौरान इस मामले पर दिया वक्तव्य सोशल मीडिया  पर जमकर बायरल हो रहा है जिसमें लोधी का नाम लिए बगैर उनके खिलाफ काफी आक्रामक भाषा का उपयोग किया गया और लोगों से उनका बहिष्कार करने के साथ और भी भड़काऊ शब्द उपयोग में लाये गए है।



क्या है यह विवाद



ग्वालियर जिले के जलालपुर गाँव के रहने वाले लोधी जाति के प्रीतम लोधी बीजेपी के नेता हैं और पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती के करीबी रिश्तेदार है। बीजपी में वे कितने मजबूत रहे हैं इसका अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पार्टयी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस के कद्दावर विधायक पूर्व मंत्री के पी सिंह के खिलाफ पिछोर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया। पिछोर शिवपुरी जिले में है। स्थानीय निवासी न होने के बावजूद प्रीतम ने वहाँ कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी। हालाँकि वे हार गए। इस क्षेत्र में लोधी मतदाताओं की बड़ी संख्या है और वे इसी क्षेत्र में सक्रीय रहकर अगले चुनाव की तैयारी में जुटे हुए थे और इसी सिलसिले में लोधी समाज द्वारा वीरांगना अवन्ति बाई लोधी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में ही उन्होंने कथाबाचकों और ब्राह्मणों को लेकर काफी टिप्पणियां की थी जिनके सोशल मीडिया पर बायरल होते ही भूचाल मच गया और पूरा ब्राह्मण समाज आक्रोशित होकर मैदान में उतर गया था। इसके बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें तलब किया।  लोधी ने अपने स्पष्टीकरण में खाकी उनके विडिओ को काँटछाँटकर चलाया गया जबकि उन्होंने सिर्फ राम रहीम और आशाराम जैसे पाखंडियों के बारे में कहा था।  उन्होंने कहाकि वेब्ऱह्मणों को सदैव आदर देते है और उनके बारे भी नहीं कहा।  लेकिन उबलते ब्राह्मण समाज के गुस्से को देखते हुए शर्मा ने उनकी अपील को ख़ारिज करते हुए प्रीतम लोधी को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से ही निष्काषित करने का आदेश जारी कर दिया।



आधा दर्जन एफआईआर हो चुकी हैं दर्ज



इस घटनाक्रम के बाद लोधी की दिक्क्तें बढ़ती ही जा रहीं है।  एक तरफ तो उन्हें बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया वही दूसरी और उनके खिलाफ ग्वालियर,शिवपुरी और मुरैना जिले के अलग - अलग थानों में आधा दर्ज आपराधिक प्रकरण दर्ज किये जा चुके है। इनमें कार्यवाही के रूप में उनकी गिरफ्तारी की मांग लगातार उठ रही है। इस घटनाक्रम से बीजेपी में भी चिंता है क्योंकि मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में लोधी वोट हैं। ग्वालियर -चम्बल संभाग में भी इनकी बड़ी तादाद है लेकिन इनको एकजुट करने के प्रीतम के अलावा बीजेपी के पास और कोई लोधी नेता नहीं है। अंचल की लगभग दस सीटों पर लोधी वोट हार जीत में अपना रोल दिखा सकते हैं।



टकराव की आशंका बड़ी



ब्राह्मणों की नाराजी तो पहले से ही चल रही थी अब पिछड़े वर्ग के लोगों का इस मामले में खुलकर कूद पड़ने से दोनों पक्षों के बीच टकराव की आशंका बढ़ती ही जा रही है। इस मामले को लेकर प्रशासन भी आशंकित है


BJP ब्राह्मण Brahmin primary membership बीजेपी FIR समर्थक आपत्तिजनक Supporter Objectionable एफआईआर प्राथमिक सदस्यता