मनोज भार्गव, SHIVPURI.भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी पिछोर में किसानों की समस्याओं को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि किसानों की बारिश से फसल खराब हो गई है और उसका मुआवजा प्रदेश सरकार और प्रशासन ने अब तक नहीं दिया है जिससे किसान भुखमरी की कगार पर आ गए हैं और उनके पास उनके परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है इतना ही नहीं उनका कहना है कि सरकार ने जो अनाज की खरीदी की उसका भी भुगतान नहीं हुआ है और किसान सोसायटी ओं के चक्कर काटने को मजबूर हैं। इन समस्याओं पर मुख्यमंत्री ध्यान दें और प्रशासन को इनके तत्काल निराकरण के निर्देश दें।
ये है मांगें
बीते दो माह से मीडिया की सुर्खी और बीजेपी के लिए चुनौती बने जिले के पिछोर कस्बे में अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया है। वे इसी विधानसभा क्षेत्र से बीजपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके है। लोधी का कहना है कि बीते साल भी बारिश से किसानों की फसलें खराब हुई थी और सर्वे के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया इस बार फिर बारिश ने तबाही मचाई है और किसानों की कई बीघा की फसलें खराब हो गई है। किसान मुआवजे की आंख में अब सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठा है लेकिन सरकार है कि अब तक उसने किसानों की सुध नहीं ली है प्रीतम लोधी का कहना है कि जिन किसानों ने खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज भी थी उसका भी भुगतान आज तक नहीं हो पाया है क्योंकि कई किसानों ने खरीदी केंद्र के प्रभारियों को पैसा नहीं दिया यदि पैसा दे देते तो खाते में पैसा आया था लेकिन अभी पिछोर के कई किसानों के खातों में खरीदी का पैसा नहीं आया है उनका कहना है कि उसे भी तबाही हुई थी और उसका भी भुगतान आज तक नहीं हो पाया है किसानों की आवाज को लेकर वे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं जिससे किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके।
दो माह से हैं विवादों में
बीजेपी के नेता रहे प्रीतम लोधी तब विवादों में आए थे जब उन्होंने शिवपुरी जिले में वीरांगना अवंती बाई के बलिदान दिवस पर आयोजित एक कार्यकर्म में कथाबाचक और ब्राह्मणों के खिलाफ बोला था और पिछड़ों से इनसे दूर रहने की बात कही थी। इसके बाद प्रदेशभर में ब्राह्मणों ने इनका विरोध किया था और आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराये थे। इस बीच बाघेश्वर धाम से जुड़े धीरेन्द्र शास्त्री ने इनके खिलाफ बयान दिया तो लोधी ने भी इनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों में जबाव देकर हंगामा मचा दिया था।
दशहरे पर कराई बन्दूक परेड
लोधी ने दशहरे पर ग्वालियर में अपने समर्थकों को दशहरा मिलन समारोह का आयोजन करके उन्हें बन्दूक हाथ में लेकर शपथ दिलाई थी कि वे अन्याय नहीं सहेंगे। इसका वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने उनके आधा दर्जन समर्थकों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए थे।