BHOPAL. मध्यप्रदेश में प्रमोशन का मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रमोशन के नियमों का ड्राफ्ट सामने आ चुका है। प्रमोशन में आरक्षित वर्ग को 36 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है। मंत्रालय समेत लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन और ग्रामीण यांत्रिकी जैसे विभागों में 85 प्रतिशत तक उच्च पदों पर आरक्षित वर्ग के अधिकारी पदस्थ हैं। दूसरे विभागों में 42 प्रतिशत पद आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों से भरे हैं। ऐसे में आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन देने में परेशानी आ रही है।
6 साल से नहीं हुए हैं प्रमोशन
लोक सेवा पदोन्नति नियम-2022 के मुताबिक प्रमोशन होने हैं। पहले विभागों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व यानी 36 प्रतिशत पद भरे जाएंगे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग से पदों को भरा जाएगा। उसमें भी आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को मौका दिया जाएगा। इसके लिए विभागों में संवर्गवार पदो की स्थिति देखी जा रही है जिससे खाली पदों को भरा जा सके। मध्यप्रदेश में पिछले 6 सालों से प्रमोशन नहीं हुए हैं। 70 हजार कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए। वहीं 3 लाख 25 हजार कर्मचारी प्रमोशन की राह देख रहे हैं।
क्या कहते हैं नए नियम
लोक सेवा पदोन्नति नियम-2022 में किए प्रावधानों के मुताबिक हर साल संवर्गवार प्रमोशन के लिए आरक्षण की स्थिति देखी जाएगी। 20 प्रतिशत पद एसटी और 16 प्रतिशत एससी अधिकारी-कर्मचारियों से भरे हुए होने चाहिए। इसके बाद अनारक्षित वर्ग का प्रमोशन मेरिट कम सीनॉयरिटी के आधार पर होगी। इसमें भी आरक्षित वर्ग को वरीयता मिलेगी।
प्रमोशन नहीं होने से चरमराया प्रशासनिक ढांचा
मध्यप्रदेश में प्रमोशन नहीं होने से प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। उच्च पद खाली हैं। सरकार एक समिति से संवर्गवार अनारक्षित और आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों की गणना करा रही है। फिलहाल आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों की संवर्गवार स्थिति देखी जा रही है।