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REWA. जिला पंचायत (District Panchayat) क्षेत्र रीवा (Rewa) में दूसरे चरण के लिए मतदान को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चली है। जिले के रीवा, रायपुर कर्चुलियान और गंगेव ब्लॉक (Gangev Block) में आने वाले जिला पंचायत के वार्ड़ों के लिए 1 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। इस दौर में गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह (MLA Nagendra Singh) के भतीजे प्रणव सिंह (Pranav Singh) बीजेपी नेत्री एवं पूर्व उपाध्यक्ष विभा पटेल (Vibha Patel),बीजेपी नेता विशंभर पटेल (Vishambhar Patel) सहित कई नेता मैदान में हैं। पहले चरण के रुझान से कहा जा सकता है कि जनता का भरोसा अब सरकार यानि भाजपा से डगमगाने लगा है। हालांकि मतदाता कांग्रेस के पक्ष में है यह भी मान लेना अभी ठीक नहीं होगा, ऐसा लगता है कि जिसमें भाजपा के घोषित अथवा समर्थित उम्मीदवार को हराने का माद्दा नजर आया जनता उसी की ओर चली गई। बहरहाल इसे तो अभी इस रूप में ही देखना चाहिए कि भाजपा के पहलवान वार्ड के रण में कांग्रेस से जुड़े अथवा करीब माने जाने वालो के सामने नहीं टिक पाए हैं। आगाज भाजपा के लिए चिंताजनक है तो कांग्रेस के लिए उत्साहवर्धक कहा जा सकता है वो इसलिए कि बीजेपी में अंतर्कलह और गुटीय खींचतान चरम पर है।
क्या नागेंद्र सिंह की बचेगी नाक
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की जिला पंचायत चुनाव में भद्द पिटने के बाद भाजपा के एक और बड़े नेता की नाक दांव पर लग गई है। वरिष्ठ नेता और गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह के भतीजे प्रणव सिंह वार्ड क्रमांक 12 से पार्टी के प्रत्याशी हैं। जिस तरह से विस अध्यक्ष गौतम के लिए पुत्र राहुल की जीत हार प्रतिष्ठा का सबब बन गई थी वैसी ही सियासी साख नागेंद्र सिंह की भी प्रणव पर लग चुकी है। इस वार्ड की अहमियत गुढ विधायक के लिए किस हद तक है इसका अंदाजा उनकी भाग दौड़ से लगता है वे खुद तो जी जान से लगे ही हैं। पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, सांसद जनार्दन मिश्रा, सेमरिया विधायक केपी त्रिपाठी समेत पूरा संगठन कूद पड़ा है नागेंद्र सिंह हरहाल में प्रणव की जीत चाहते हैं। इधर भाजपा का एक धड़ा विधायक के मंसूबे को धूल में मिलाने में सक्रिय हो चुका है। जिनकी सियासी हसरतों को विधायक नागेंद्र सिंह और उनके समर्थकों ने पद्मेश गौतम के हाथों राहुल को चुनाव में करारी मात दिलाई ऐसे मे सवाल यही खडा होता है कि क्या नागेंद्र सिंह अपनी नाक बचा पाएगें।
सियासी अदावत के केंद्र में कपिध्वज
कभी एक दूसरे के राजनीतिक हितों के लिए पार्टी और सत्ता के बीच आ जाने वाले तब के विधायक और अब विधानसभा अध्यक्ष गिरीश और नागेंद्र सिंह के बीच सियासी टकराव की वजह ताला घराने के कपिध्वज सिंह को माना जाता है। दरअसल गिरीश गौतम के विधानसभा अध्यक्ष बनने की पटकथा के सूत्रधार नागेंद्र सिंह को समझा जाता है इन दोनों की जुगलबंदी के कारण ही राजेंद्र शुक्ला इस बार मंत्री नहीं पाए। लेकिन विस अध्यक्ष बनने के बाद गिरीश गौतम ने दादा भाई के जानी राजनीतिक दुश्मन यानि कपिध्वज सिंह के प्याले में चुस्की लेने लगे यहीं से रिश्ते में चीनी कम हो गई जानकार मानते हैं कि गुढ़ विधायक ने गिरीश के विरुद्ध मोर्चेबंदी कर उन्हें शिकस्त देने का मौका देखने लगे जो उन्हें जिला पंचायत में मिल गया अब चाल चलने की बारी गिरीश गौतम की है। राहुल का प्रचार कपिध्वज ने किया था जबकि प्रणव के प्रचारकों में सबसे बड़े स्टार पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला रहे हैं। जिन्हें बैठे बैठाये हिसाब बराबर करने का मौका मिल गया।
ये भी भाजपाई सूरमा मैदान में
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में एक जुलाई को रीवा जिले के गंगेव, रायपुर कर्चुलियान एवं रीवा ब्लाक में वोट पड़ेगें। तीनों वार्डो में 12 जिला पंचायत के वार्ड हैं जिसमें भाजपा द्वारा घोषित 7 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा के प्रत्याशियों में गुढ़ विधायक नागेन्द्र सिंह का भतीजा प्रणव सिंह वार्ड क्रमांक 12, निशा साकेत वार्ड 13, सपना सिंह वार्ड 14, विशम्भर पटेल वार्ड 15, शैलेन्द्र सिंह वार्ड 16, संजय दुबे वार्ड 18 एवं कृष्णदत्त शुक्ला वार्ड 19 से हैं। इनकी हार जीत का फैसला 1 जुलाई शुक्रवार को मतदाता सुनाएगें।