Bhopal. भोपाल के राम कृष्ण धर्मार्थ फाउंडेशन विश्वविद्यालय (RKDF) के वाइस चांसलर डॉ. एमसी प्रशांत पिल्लई, पूर्व वाइस चांसलर डॉ. एसएस कुशवाह सहित इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल डॉ. मनोज कुमार चोपड़ा को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का आरोप है कि ये तीनों कॉलेज में मोटी रकम लेकर फर्जी डिग्रीयां बनाने का काम करते थे। फर्जी बीटेक डिग्री सर्टिफिकेट के लिए ये छात्रों से 3 लाख रुपए लेते थे। वहीं, बीकॉम और बीए के लिए 1.5 लाख रुपए लिए जाते हैं। बीएससी के लिए ये 1.75 लाख और एमबीए के लिए 2.75 लाख रुपये वसूले जाते हैं। यूनिवर्सिटी के तीनों अधिकारियों के खिलाफ मिसरोद थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ।
ऐजेंट को मिलता था 10 फीसदी हिस्सा
बता दें कि दो दिन पहले हैदराबाद पुलिस भोपाल आई थी। इससे पहले फरवरी 2022 में हैदराबाद पुलिस ने एसआरके यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर केतन सिंह को गिरफ्तार किया था। केतन सिंह ने पुलिस पूछताछ में ये दावा किया था कि वह रैकेट का एक छोटा सा एजेंट है। विश्वविद्यालय में बड़े पदों पर पदस्थ लोगों को भी धोखाधड़ी के बारे में पता था। उसने दावा किया कि ग्राहकों से मिली रकम का केवल 10% ही उसे मिलता था। बड़ी राशि विश्वविद्यालय के दूसरे लोग रख लेते हैं। केतन ने 29 छात्रों के लिए प्रमाण पत्र हैदराबाद के महेश्वर राव को दिए थे। जिसके बाद उसी ने इन तीनों के नाम बताए थे।
अन्य राज्यों में बेची हैं फर्जी डिग्रियां
पुलिस ने मिसरोद स्थित आरकेडीएफ के मेडिकल कॉलेज पर ये कार्रवाई की है। फिलहाल पुलिस ग्रुप के कुछ और लोगों से पूछताछ कर रही है। भोपाल के सबसे बड़े इस शिक्षा समूह के खिलाफ अन्य प्रदेशों में भी फर्जी डिग्री देने के आपराधिक मामले दर्ज है। जिसे लेकर तेलंगाना पुलिस ने इस बाबत मिसरोद पुलिस को जानकारी दी है।