GWALIOR. बीते तीन दिनों से ग्वालियर- चम्बल अंचल में हो रही भारी बरसात से हालाँकि मानसून सीजन में कम बरसात के आंकड़े को तो पीछे छोड़ दिया है लेकिन इस लौटते मानसून की बरसात ने जन - जीवन को पूरी तरह अस्त - व्यस्त कर दिया है। ग्वालियर शहर स्मार्ट सिटी से जल भराव के कारण तालाब में तब्दील हो चुकी है। सड़कों पर मौजूद गड्ढों में पानी भर जाने से बीती रात अनेक दुपहिया वाहन चालक इनमें भरभराकर गिर गए और घायल हो गए वहीँ ग्रामीण क्षेत्रों में तिली ,बाजरा और ज्वार की फसल को भारी नुकसान पहुंचा हैं।
ग्वालियर
ग्वालियर में बीते तीस घंटो से रुक-रूककर बरसात हो रही है। शनिवार को शाम साढ़े छह बजे से शुरू हुई भीषण बरसात ने रात लगभग बारह बजे तक सांस नहीं ली जिसके चलते पूरा शहर जलमग्न हो गया। ग्वालियर में बीते चौबीस घंटे में मौसम विभाग ने 84.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। जो पिछले साल अक्टूबर की तुलना में अधिक है। महज चौबीस घंटे की बरसात ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी। शहर की सभी सड़कों पर पानी ऐसे मानो बाँध फूट गया हो और सड़क किसी नदी सी नजर आ रही थी ।
मंत्रियों के बंगलों में भरा पानी
पानी ने आम जन का हाल बेहाल तो किया ही सड़कों पर तेज गति से बह रहा पानी केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र तोमर और नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल के रएस्कोर्ट रोड स्थित बंगलों में भीतर तक पहुँच गया। घबराकर कर्मचारियों ने फोन किया तब जाकर दमकल कर्मियों ने पहुंचकर वहां से पानी निकला। लगातार पानी भरने की शिकयतेआने के बाद नगर निगम के अधिकारियों और दमकल कर्मियों ने लोगों के कॉल उठाना बंद कर दिए तो अनेक पार्षद सड़क पर उतर आये और उन्होंने निगम कमिश्नर को फोन किया। इसके बाद कान्याल खुद जाकर दमकल दफ्तर में बैठ गए और कॉल रिसीव करने लगे। सिद्धेश्वर नगर में एक मकान ढह जाने की सूचना मिलने पर मेयर डॉ शोभा सिकरवार स्वयं ओके पर पहुँच गयी और देर रात तक शहर के विभिन्न भ्रमण कर पानी निकालने की व्यवस्था करती रहीं।
गड्ढों में घुस गए लोग ,कइयों घायल
शाम को शुरू हुआ पानी तेज ही होता गया और ड्रेनेज की व्यवस्था न होने से वह सड़कों पर ही तेज धार के साथ घूमने लगा। बीते एक साल से संधारण के नाम पर ग्वालियर शहर की सड़कें खुदी पड़ीं है और उनमें बड़े - बड़े गड्ढे है जिसके चलते बरसात का पानी उनमें भर गया।इसके कारण बरसात में लोगों को घर जाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। अनेक वाहन गड्डों के बीच में ही फंसकर बंद हो गये और लोग उन्हें निकालने की मशक्कत करते हुए नजर आये वहीँ अनेक लोग पानी के कारण गड्ढों के दिखाई नहीं पड़ने से उनमें गिराकर घायल हो गए।
ग्वालियर जिले में तीली को नुकसान
ग्वालियर जिले में पिछोर इलाके में जिन किसानों ने तीली को फसल बोई थी वे एक डैम सदमें हैं क्योंकि उनकी तीली की फसल पूरी तरह चौपट हो गयी है। इसी तरह हस्तिनापुर इलाके में भी फसल बर्बाद होने से किसान परेशान है। भिंड जिले से लगे इलाके में किसानों ने बाजरा और ज्वार की बोनी की थी यह फसल भी पानी ने तबाह कर दी है।
भिंड जिला
" द सूत्र" के भिंड संवादाता मनोज जैन के मुताबिक भिण्ड जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अतिवृष्टि से बाजरा की फसल को नुकसान पहुंचा है। भिण्ड विधानसभा में मंगदपुरा, ऊमरी, पुलाउली, पेवली, कचोंगरा, हीरालाल का पुरा, चरथर, अकोड़ा में बाज़रा की कटी फसल अतिवृष्टि से सड़ने की स्थिति में आ गई है। इसके अलावा ज्वार और उड़द की फसल भी बुरी तरह प्रभावित ही है इससे किसान बहुत चिंतित है।
मुरैना जिला
मुरैना जिले में भी किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है जबकि झमाझम बारिश के कारण बड़ोखर मेंएक दुमंजिला ढह जाने से अफरा तफरी मच गयी। इस घटनामें एक महिला घायल हो गयी। घटना की सूचना मिलते ही मेयर शारदा सोलंकी और पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम के चेयरमेन रघुरार कंसाना मौके पर पहुंचे और घायल को अस्पताल भिजवाया।
मकान पर गिरी बिजली मकान ध्वस्त
इसके अलावामुरैना जिले के जौरा इलाके में कड़कती बिजली गिरने से एक पक्का मकान धराधायी हो गया। इसके कारण घर में मौजूद लोग घायल हो गए। गैपरा गाँव में यह घटना रात लगभग डेढ़ से दो बजे के बीच घटित हुई। तेज बरसात के बीच अचानक आसमान में तेज बिजली कड़की और यह पक्का मकान भरभराकर ढह गया। इसमें दबे पांच लोगों को लोगों ने मलबे से निकालकर जौरा अस्पताल में भर्ती कराया।
शिवपुरी में भी फसलें चौपट
" द सूत्र" के शिवपुरी संवाददाता मनोज भार्गव के अनुसार जिले में तीन दिन से हो रही लगातार बारिश के चलते डूब में पढ़ने वाले दर्जन भर गाँव में घरों में पानी भर गया जबकि खेतो में तैयार खड़ी सारी फसल भी बर्बाद हो गई। पुलिया से निकासी न होने से भॉँति इलाके में घरों और खेतो में पानी भर जाने से नाराज ग्रामीणों ने कल भॉँति रोड पर चक्का जाम कर दिया था। उन्होंने सड़क पर अपने घरों का बर्बाद हुआ सामान भी रखा हुआ था। मदद का आश्वासन देकर जैसे - तैसे तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझाया और चक्का जाम खुलवाया।