Bhopal: भिंड में तेल निकालता था राकेश दुबे, ट्रक बेचकर गुजरात गया और बन गया मिर्ची बाबा, अब जेल में बहा रहा आंसू

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Vivek Sharma
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Bhopal: भिंड में तेल निकालता था राकेश दुबे, ट्रक बेचकर गुजरात गया और बन गया मिर्ची बाबा, अब जेल में बहा रहा आंसू

Bhopal. प्रदेश में पिछले कुछ समय से सुर्खियों में चल रहे मिर्ची बाबा(Mirchi Baba) को लेकर कई अहम जानकारी सामने आई हैं। रेप(rape) के आरोप में घिरे मिर्ची बाबा उर्फ वैराग्यनंद गिरि(Mirchi Baba alias Varagyanand Giri) का असली नाम राकेश दुबे(Rakesh Dubey) है और वह भिंड जिले के बिरखड़ी गांव का निवासी है। राकेश दुबे से  वह कैसे वैराग्यनंद गिरि बना इसकी एक लंबी कहानी है। कभी काम की तलाश में गुजरात गया राकेश दुबे की किस्मत कुछ ही समय में बदल गई। उसे कई राजनेताओं का वरदहस्त मिला था जिसकी वजह से वह ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था।







 चौंकाने वाली जानकारी सामने आई





फिलहाल रायसेन की महिला से रेप का आरोपी मिर्ची बाबा  उर्फ वैराग्यनंद गिरि पुलिस की गिरफ्त में है। जानकारी के अनुसार कभी वह ऑयल मिल में काम करता था। उसका छोटा भाई भी संन्यासी है। मिर्ची बाबा का गांव बिरखड़ी भिंड जिले के गोहद नेशनल हाईवे से 6 किमी दूर है। मिर्ची बाबा के पैतृक गांव से कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आईं हैं। चार भाइयों में तीसरे नंबर का राकेश दुबे 1995 में एक ऑयल मिल में तेल निकालने का काम करता था। 1997 में वह गांव के सहसराम जादौन के यहां ऑयल मिल में काम करने लगा। यहां भी मन नहीं लगा तो उसने अपने हिस्से की 4 बीघा जमीन बेचकर बिजनेस करने के लिए ट्रक खरीदा । घाटा हुआ तो ट्रक बेचकर गुजरात के अहमदाबाद चला गया। वहां प्राइवेट फैक्टरी में काम करने लगा। वहां से लौटा तो वह मिर्ची बाबा बन चुका था।





पिता मंदिर में पुजारी थे





राकेश दुबे की मां बचपन में ही गुजर गई थी। पिता अयोध्या प्रसाद दुबे मालनपुर के जय मारुति औद्योगिक क्षेत्र के मंदिर में पुजारी थे। चार भाइयों में राकेश तीसरे नंबर का है। सबसे बड़ा मुकेश (50), रामनिवास (48), फिर राकेश उर्फ मिर्ची बाबा और सबसे छोटा अनिल (43) है। अनिल हाथ-कान से दिव्यांग है।





मिर्च की धूनी लगाता था





राकेश ने अहमदाबाद की फैक्ट्री में कुछ समय तक काम किया। इसके बाद वह गायब हो गया। 2000 में गांव के ही एक ट्रक ड्राइवर को इंदौर में वह मिला, लेकिन उसकी पहचान बदल चुकी थी। उसका नाम वैराग्यनंद गिरि उर्फ मिर्ची बाबा हो चुका था। वह मिर्च की धूनी जलाता था।





भिंड, मुरैना, ग्वालियर में कराईं भागवत 





2013-14 में एक दिन अचानक वह अपने गांव के पास वाले सौंध गांव में भागवत का आयोजन करने पहुंचा। ये इस क्षेत्र में उसकी पहली भागवत थी। इसके बाद वह भिंड, मुरैना, ग्वालियर में घूम-घूमकर भागवत करने लगा। यहीं से वह कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आया।





कमलनाथ सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा था





मिर्ची बाबा भागवत के अलावा गोशाला भी चलाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव के समय वह पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कमलनाथ से जुड़ गया था। कांग्रेस सत्ता में आई तो उसे राज्यमंत्री का दर्जा मिल गया। कमलनाथ और दिग्विजय से वह मोबाइल का स्पीकर ऑन कर बात करता था। इसका असर ये हुआ कि भिंड, मुरैना और ग्वालियर के कई कांग्रेसी नेता उसके आगे-पीछे चलने लगे।





पिता की तेरहवीं में दिखाई थी ताकत





2018 में मिर्ची बाबा के पिता का निधन हुआ तो उसने तेरहवीं में 20 हजार से अधिक लोगों को भोज कराया था। इस तेरहवीं कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के कई मंत्री और विधायक शामिल हुए थे। लोकसभा चुनाव 2019 में मिर्ची बाबा ने दिग्विजय सिंह को जिताने साधु-संतों की टीम उतार दी थी। इस दौरान उसने 500 किलो मिर्च का हवन कर सुर्खियां बटोरीं। फिर ये कहते हुए सनसनी फैला दी थी कि दिग्विजय नहीं जीते तो वह जल समाधि ले लेगा। हालांकि, जल समाधि मुद्दे पर उसकी खूब किरकिरी हुई थी।





छोटा भाई भी संन्यासी





मिर्ची बाबा का छोटा भाई अनिल राजस्थान के धौलपुर में बाबा है। चारों भाइयों में सिर्फ बड़े भाई मुकेश दुबे की ही शादी हुई है। सभी भाई गांव की पैतृक जमीन बेच चुके हैं। एक भाई ग्वालियर के मुरार में रहता है। मिर्ची बाबा ग्वालियर के दंदरौआ मंदिर में भी रह चुका है। वहां उसके साथ एक महिला और बच्चा भी रहते थे, बाद में महिला अपने बच्चे के साथ मिर्ची बाबा के पैसे आदि समेट कर भाग गई थी।





फूटफूट कर रोया मिर्ची बाबा





नि:संतान महिला से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा जेल में फूट-फूट कर रोए। उनका कहना था कि मैं अनपढ़ हूं, मुझे फंसाया गया है। बाबा को फिलहाल एक हफ्ते के लिए क्वारंटीन किया गया है। इसके बाद उन्हें बैरक में शिफ्ट किया जाएगा। जेल के रजिस्टर में मिर्ची बाबा का रजिस्ट्रेशन नंबर 1949 है। जानकारी के मुताबिक मंडीदीप, रायसेन निवासी 28 वर्षीय महिला की शिकायत पर महिला थाने में वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। रेप के मामले में फंसे मिर्ची बाबा जेल में  फूट-फूट कर रोने लगे। जमीन पर सोने की वजह से उन्हें नींद नहीं आयी। वो रात भर करवट बदलते रहे। जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें एक सामान्य विचाराधीन कैदी की तरह ही सुविधाएं दी जा रही हैं। सोने के लिए दो चादरें और तीन कंबल दिए गए हैं. मिर्ची बाबा को भोपाल पुलिस ने सोमवार आधी रात को ग्वालियर में एक होटल में पकड़ा था। 





संतान होने का दिया था भरोसा





 पीड़ित महिला नि:संतान है। उसने आरोप लगाया था कि बाबा ने उसे भरोसा दिलाया था कि उनकी दवा से उसे संतान प्राप्त होगी। जिसके बाद बाबा ने 17 जुलाई को महिला को मिनाल रेसीडेंसी स्थित अपने निवास पर बुलाकर साबूदाने जैसी नशे की गोलियां और भभूत खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद बाबा ने कहा था कि अब उसे गोल मटोल बेटा पैदा होगा। पुलिस ने मिर्ची बाबा को गोले का मंदिर, ग्वालियर से हिरासत में लिया था। भोपाल में लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से बाबा को जेल भेज दिया गया। इस बीच बाबा का चेला गोपाल और घरेलू काम करने वाली महिला लापता हो गए गए हैं। पुलिस ने बाबा का मोबाइल और घर से सीसीटीवी की डीवीआर जब्त किया है। पुलिस का कहना है कि फोन की डिटेल से कई अहम जानकारी सामने आएंगी।



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