रेहान शेख, Khandwa. धर्मांतरण करके आरक्षण का लाभ लेने वाले लोगों को डिलिस्टिंग करने को लेकर रैली निकाली गई। रैली में प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह, पंधाना विधायक राम दांगोरे सहित बड़ी संख्या में जनजाति समाज के लोग शामिल हुए। रैली का स्वागत खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा और भाजपा कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग जगह किया।
डिलिस्टिंग को संविधान में जोड़ने के पहले जागरुकता अभियान
पंधाना विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राम दांगोरे ने कहा कि डिलिस्टिंग को संविधान में जोड़ने के पहले जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, उसी के चलते ये रैली निकाली गई। सिवनी में आदिवासी समाज के लोगों की बजरंग दल पर लगे हत्या के आरोपों को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस आदिवासियों से जुड़े हर मुद्दे पर राजनीति करती है।
जागरुकता अभियान की जरूरत क्यों ?
विधायक राम दांगोरे से पूछा गया कि प्रदेश से लेकर देश में भाजपा सरकार है तो, अभी तक डिलिस्टिंग को संविधान में क्यों नहीं जोड़ा गया। इसको लेकर उन्होंने कहा जैसे हम कृषि कानून लोगों को समझा नहीं पाए थे और उसे वापस लेना पड़ा था। डीलिस्टिंग को भी संविधान में अगर जोड़ देते तो देश विरोधी ताकतें आंदोलन में खड़ी हो जातीं। इसलिए हम जागरुक करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
आरक्षण के लिए खेला जा रहा काला खेल
डिलिस्टिंग रैली में जनजाति समाज के लोग अपनी पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए शहर की सड़कों पर निकले। इस दौरान खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राम दांगोरे ने कहा कि प्रलोभन में आकर धर्मांतरण कराने के बाद भी जनजाति आरक्षण का लाभ ले रहे हैं, संविधान में डीलिस्टिंग हो जाए तो लव जिहाद, राजनीतिक अतिक्रमण भी खत्म हो जाएगा। क्योंकि आदिवासी बहन-बेटियों को बहला-फुसलाकर लव जिहाद करते हुए आरक्षण के माध्यम से कई तरह के लाभ लेने का काला खेल चल रहा है।