भोपाल/कीव. रूस के यूक्रेन पर हमले से दुनियाभर में तनाव है। रूस यूक्रेन पर बम बरसा रहा है तो यूक्रेनी सेना भी अपनी क्षमता से मुकाबला रही है। इधर, यूक्रेन में भारत के कई छात्र और लोग फंसे हुए हैं। अब रतलाम की एक छात्रा वैशाली राठौड़ का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे खुद यूक्रेन से निकालने की बात कह रही हैं। इससे पहले विदिशा की सृष्टि का वीडियो सामने आया था।
ये बोलीं वैशाली: मैं खारकीव में हूं। जैसे कि यहां कंडीशन बहुत खराब होती जा रही है। वॉर स्टार्ट हो चुका है और फ्लाइट्स बंद हो चुकी हैं। हमें कैसे भी करके इंडिया वापस जाना है। प्लीज, आप कुछ अरेंज कीजिए या जो भी हो सकता है। टीचर्स ने कह दिया है कि अपने डॉक्यूमेंट्स साथ रखो। एम्बैसी ने भी कह दिया है कि आप टेम्परेरिली किसी दूसरी कंट्री में शिफ्ट हो सकते हो या आप कुछ टाइम के लिए दूसरे देश जा सकते हो। इसलिए प्लीज...हेल्प कीजिए, थैंक्यू।
#रतलाम की बिटिया #यूक्रेन से लगा रही पुकार... जल्द सुनवाई करो सरकार... @PMOIndia @ChouhanShivraj @drnarottammisra #UkraineRussia #UkraineUnderAttack pic.twitter.com/wY3XWGkw3I
— TheSootr (@TheSootr) February 25, 2022
वैशाली के पिता विजय ने बताया कि यूक्रेन में वैशाली को गुमराह किया गया। जब युद्ध की बात छिड़ी ही थी, तभी हमने बेटी को वापस आने के लिए कह दिया था। लेकिन वहां के कॉलेज से कहा गया कि कोई स्थिति खराब नही है, इंडिया में गलत बताया जा रहा है, सब ठीक है, आप वापस गए गए तो आपका पूरा साल खराब हो जाएगा, इसलिए हमने बेटी को वापस लाने का ज्यादा प्रयास नही किया। बेटी खारकीव में है, जो रूस बॉर्डर से मात्र 42 किलोमीटर दूर है।
बुरहानपुर की भी बेटी फंसी: बुरहानपुर जिले के शाहपुर की बेटी रश्मि सूर्यवंशी यूक्रेन के निप्रो शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। मध्य प्रदेश के करीब 46 बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं। परिवार ने बेटी को देश वापस लाने की गुहार लगाई है।
खंडवा की छात्रा लौटी: यूक्रेन में एमबीबीएस करने गई खंडवा की दर्शिका श्रीवास्तव 24 फरवरी की देर रात अपने घर लौट आई। दर्शिका यूक्रेन के विनिस्टिया में मेडिकल की पढ़ाई (थर्ड इयर) कर रही हैं। दर्शिका ने बताया कि भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी होने के बाद से ही स्टूडेंट्स यूक्रेन से निकलना शुरू हो गए थे, लेकिन कुछ छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही थी। जब इन छात्रों ने भारत आने का फैसला किया तब रेगुलर फ्लाइट नहीं मिलने और टिकट कन्फर्म नहीं होने की वजह से काफी लोग यूक्रेन में फंस गए। दर्शिका के मुताबिक, मैं विनिस्टिया से यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंची, वहां से दुबई होते हुए दिल्ली के रास्ते इंदौर और फिर खंडवा आई। दर्शिका 21 फरवरी को यूक्रेन से निकली थीं।
विदिशा की बेटी ने भी की थी अपील: जिले के गंजबासौदा शहर की सृष्टि यूक्रेन में फंसी हुई है। वह MBBS की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन की गई थी। सृष्टि यहां की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में फोर्थ ईयर की छात्रा है। वह इस समय ओडेसा डिस्ट्रिक्ट में है। वहां से उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की है। उन्होंने बताया कि यहां बमबारी हो रही है। हालात बद से बदत्तर होते जा रहे हैं। मेरी इंडियन एंबेसी से अपील है कि प्लीज हमें निकाल लीजिए।