भोपाल। तिरंगे के प्रिंट वाला जूता बेचने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन के मालिक जेफ बेजोस (Fir on Jeff Bezos in mp) के खिलाफ डीजीपी को एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले भी पिछले साल उनके निर्देश पर ऑनलाइन जहर (online poison) और गांजा सप्लाई (online marijuana supply) किए जाने के दो मामलों में अमेजन और एक बच्चे की आत्महत्या के मामले में ऑनलाइन गेम फ्रीफायर के मैनेजमेंट पर एफआईआर (fir on free fire game) दर्ज की गई थी। आप जरूर जानना चाहेंगे कि गृहमंत्री के फरमान पर आनन-फानन में दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स (e commerce company) कंपनी अमेजन और फ्रीफायर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज के बाद पुलिस ने क्या कार्रवाई की। किस-किस से पूछताछ की और कितनों को गिरफ्तार किया। इन सवालों का जवाब जानने के लिए द सूत्र की टीम ने इन सभी मामलों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली हकीकत सामने आई। इन सभी मामलों में कोई गिरफ्तारी तो दूर महीनों गुजर जाने के बाद पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने की कार्रवाई भी नहीं कर पाई है।
तिरंगे के प्रिंट वाले जूते बेचने पर अमेजन के मालिक के खिलाफ FIR के निर्देश: प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narrottam mishra) ने मंगलवार यानी 25 जनवरी को एक बार फिर अमेजन के मालिक जेफ बेजोफ और मैनेजमेंट के अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इस बार उन्होंने अमेजन पर तिरंगा छपा जूता बेचने पर ध्वज संहिता के उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का फरमान दिया है। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित करते हुए कहा है कि किसी भी राष्ट्रीय प्रतीक (National symbol) का अपमान किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देखा जाए तो प्रदेश में जब भी ऑनलाइन शॉपिंग या गेम्स से जुड़े अपराध के मामले सामने आते हैं तो सरकार इन पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई का दावा करती है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा कानूनी कार्रवाई का बयान देने में देर नहीं लगाते और पुलिस एफआईआर भी दर्ज कर लेती है। लेकिन आखिर इन मुकदमों का अंजाम क्या होता है? ये बड़ा सवाल है क्योंकि अमेजन, फ्रीफायर जैसी जिन कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाते हैं, उनके मुख्यालय विदेश में हैं। ऐसे में पुलिस आरोपियों से पूछताछ और अन्य कानूनी कार्रवाई करने में अपने हाथ बंधे पाती है।
1. छतरपुर में फ्री फायर गेम के खिलाफ FIR के 6 महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली: 30 जुलाई 2021 को छतरपुर (chhatarpur online game sucide case) के सागर रोड इलाके में रहने वाले 14 साल के कृष्णा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। कृष्णा अपनी मां प्रीति पांडेय के मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता था। प्रीति के मोबाइल नंबर से उसका बैंक खाता कनेक्ट था। लिहाजा गेम खेलते वक्त कृष्णा के पास फ्री फायर कंपनी के मैसेज और फोन कॉल आते थे। उसे तरह-तरह के लालच देकर पैसों की मांग की जाती थी, जो मां प्रीति के अकाउंट से कट जाते थे। धीरे-धीरे कर जब 40 हजार रुपए कट गए तब प्रीति का इस ओर ध्यान गया। प्रीति ने कृष्णा को डांटा तो उसने आत्मघाती कदम उठाकर आत्महत्या कर ली। एफआईआर के मुताबिक कृष्णा के पास कंपनी का फोन आता था। उसे बार-बार गेम खेलने के लिए मजबूर किया जा रहा था। जिससे वो डिप्रेशन में चला गया था।
सिंगापुर में है फ्री फायर गेम की कंपनी का मुख्यालय: इस मामले में 31 जुलाई को छतरपुर की सिविल लाइन थाने में राज्य सरकार की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में फ्री फायर के संचालक के खिलाफ धारा 305 (नाबालिग को आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि फ्री फायर गेम का हेड ऑफिस सिंगापुर में हैं। जिसके संचालक के खिलाफ छतरपुर में मामला दर्ज किया गया है।
कार्रवाई के नाम पर पुलिस के हाथ खाली: फ्री फायर कंपनी के संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए हुए करीब 6 महीने बीत चुके हैं। लेकिन पुलिस के हाथ अब भी खाली ही हैं। जबकि पुलिस ने आईपीसी की धारा 305 के तहत मामला दर्ज किया था। ये गैर जमानती धारा हैं, जिसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान हैं। मामले में कार्रवाई करने में पुलिस के सामने सबसे बड़ी व्यवहारिक दिक्कत ये हैं कि आरोपी सिंगापुर में रहता हैं। द सूत्र ने जब इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट यानी आरोपी की गिरफ्तारी हुई या नहीं, या चालान पेश किया या नहीं तो पुलिस अधिकारी कतराने लगे। सिविल लाइन टीआई पुष्पेंद्र मिश्रा ने तो बात करने से ही इनकार कर दिया।
2. भिंड में ऑनलाइन गांजा सप्लाई पर अमेजन के डायरेक्टर के खिलाफ एफआईआर, सिर्फ डिलीवरी बॉय गिरफ्तार: भिंड में 13 नवम्बर 2021 को गोहद चौराहा थाने में अमेजन कंपनी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। कड़ी पत्ते (मीठी नीम) की आड़ में अमेजन पर गांजा (hemp smuggling on amazon) बेचा जा रहा था। पुलिस ने डिलीवरी बॉय से लेकर अमेजन कंपनी के कार्यकारी निदेशकों को भी आरोपी बनाया था। लेकिन गिरफ्तारी सिर्फ डिलीवरी बॉय स्तर के आरोपियों की ही हो सकी। जिसके बाद केस सीआईडी को सौंप दिया गया। गोहद एसडीओपी नरेंद्र सिंह सोलंकी ने द सूत्र को बताया कि इस मामले की जांच के लिए अब एसआईटी बना दी गई है।
दो महीने बाद भी मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंची पुलिस: पुलिस ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। जिसमें 10 से 20 साल के कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान हैं। लेकिन 2 महीने बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी यानी अमेजन के कार्यकारी निदेशकों तक नहीं पहुंची है। जांच कर रहे सीआईडी के टीआई अजय चांदना का कहना है कि केस पेंडिंग हैं, प्रोसेस बहुत लंबी हैं। कार्यकारी निदेशकों की गिरफ्तारी के सवाल पर टीआई चांदना ने कहा कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। कार्रवाई के लिए पुलिस को नेशनल स्तर पर घूमना पड़ेगा।
3. इंदौर में ऑनलाइन सप्लाई किया जहर, अमेजन के खिलाफ एफआईआर, कार्रवाई कुछ नहीं: इंदौर के लोधी मोहल्ले में रहने वाले 18 वर्षीय आदित्य पुत्र रंजीत वर्मा ने 30 जुलाई 2021 को अमेजन से ऑनलाइन जहर मंगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी मौत के 19 दिन बाद जब पिता को बेटे की मौत का कारण पता चला था। जिसके बाद अमेजन के डिपो मैनेजर सौरभदत्त शर्मा और पुणे के पेस्टिसाइड सप्लायर लक्ष्मण घाडगे के खिलाफ धारा 284, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इंदौर पुलिस की सफाई- डिपो मैनेजर हो गया था कोरोना संक्रमित इसलिए नहीं हो पाई गिरफ्तारी: 25 नवंबर को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि इस मामले में अमेजन के अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए। उन्हें नोटिस देकर बुलाया जाए। यदि वे नहीं आते हैं तो पुलिस अपने तरीके से उन्हें लेकर आए। यानी गिरफ्तार किया जाए। लेकिन गृह मंत्री के बयान के बाद भी इंदौर में अमेजन के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। दूसरी तरफ स्थानीय डिपो मैनेजर सौरभ दत्त शर्मा के खिलाफ जुलाई में मामला दर्ज किया गया था। 7 महीने बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। छत्रीपुरा थाने के एसआई हरिद्वार केसरी का कहना है कि आरोपी को कोरोना हो गया हैं, इसलिए अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
(अंकुश मौर्य के साथ छतरपुर से हिमांशु अग्रवाल, भिंड से मनोज जैन, इंदौर से योगेश राठौड़ की रिपोर्ट।)