SIDHI. एक ओर जहां अजय सिंह राहुल कांग्रेस में घर वापसी का अभियान चला रहे है, वहीं दूसरी ओर उनके खास लोग पार्टी छोडऩे को बेताब देखे जा रहे है। घर वापसी के बहुत अच्छे परिणाम तो नहीं दिखे पर जनाधार वाले नेता घर जरूर छोडऩे लगे हैं। पार्टी छोडऩे वालों में आनंद मंगल सिंह, भानू पाण्डेय का प्रमुखता से नाम सामने आया है। आनंद मंगल ने भोपाल में आप का दामन थाम लिया है तो भानू पाण्डेय अभी अधिकृत तौर पर किसी अन्य दल में नहीं गए हैं किंतु बीजेपी से उनकी नजदीकी बीजेपी का हो जाने की पुष्टि कर रही है। सूत्रों के अनुसार अभी कई और नेता, कार्यकर्ता हैं जो कांग्रेस पार्टी में रहकर अकुलाहट महशूस कर रहे है। जिनके किसी भी समय पार्टी छोडऩे का ऐलान सामने आ सकता है। दरअसल कांग्रेस ने घर वापसी का कार्यक्रम तो चला रखा है लेकिन घर के भीतर क्या हो रहा है इसकी खोज खबर नहीं ली जा रही है। पार्टी नेतृत्व से असंतोष क्यों फैल रहा, इस पर न तो मंथन हो रहा और न ही प्रयास ही हो रहे है। घर वापसी कार्यक्रम में छुटपुट कार्यकर्ताओं के वापस आने की बात छोड़ दे तों अधिकांश नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दल में जा रहे है।
कौन है आनंद मंगल और भानू
घर वापसी अभियान के दौरान ही कांग्रेस नेता आनंद मंगल सिंह और भानू पाण्डेय असंतुष्ट होकर पार्टी छोड़ दिए है। आनंद मंगल सिंह कांग्रेस में आने के पहले गोंगपा के नेता रहे है। वर्ष 2008 में सीधी विधानसभा से चुनाव लड़ चुके है। चुनाव के दौरान उन्हे करीब 12 हजार मत भी मिले थे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए, तो जहां थे वहीं सिमट कर रह गए। संगठन की शिथिलता के चलते ही उन्होने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। भानू पाण्डेय जहां चुरहट विधानसभा क्षेत्र से आते है। वे युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और फिर जिला कांग्रेस में महामंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। लंबे समय से वे अजय सिंह राहुल से जुड़े रहे हैं। चुरहट क्षेत्र के ब्राह्मण नेताओं में एक होने के कारण काफी महत्व भी मिला लेकिन पिछले कुछ सालों से वे हांसिये पर चले गए तो उपेक्षा के कारण पार्टी को छोडऩा ही उचित माना है।
कमजोर संगठन असंतोष का कारण
जिले में कांग्रेस संगठन काफी कमजोर चल रहा है। पार्टी नेताओं ने जिन्हे संगठन की कमान सौंप रखी है। वे लंबे समय से अस्वस्थ्य चल रहे है। जिस कारण संगठन की गतिविधियां धीमी हैं। तो पार्टी के नेता-कार्यकर्ता अकुलाहट महशूस कर रहे हैं। जिम्मेदार नेता अपनी-अपनी विधानसभा ताके हैं। अजय सिंह राहुल के खासमखास रहे भानू पाण्डेय कहते है कि पिछले कुछ सालों से उनके नेता का विश्वास कम हुआ है। अपनी ओर से कोई कमजोरी नहीं कि फिर भी अविश्वास कम होने का नाम नहीं ले रहा था। इसीलिए उन्होंने पार्टी को अलविदा कहा है। आनंद मंगल कमजोर संगठन से असंतुष्ट हैं। वे कहते है लंबे समय से संगठन बेजान बना हुआ है पर प्रयास नहीं हो रहे है। ऐसे में काम करने वाले कार्यकर्ता अपने को ठगा महशूस कर रहे हैं। पार्टी छोडऩे का प्रमुख कारण यही रहा है।