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Indore. दो नेताओं की फिक्सिंग के बाद बीजेपी की दो सींटें फंस गई हैं। यहां पार्टी को ज्यादा पसीना बहाना पड़ रहा है। कहीं पार्टी के ही बागी दम ठोक रहे हैं तो कहीं बाहरी प्रत्याशी के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
ये फिक्सिंग हुई है मंत्री तुलसी सिलावट (Tulsi Silawat) और विधायक रमेश मेंदोला (Ramesh Mendola) के बीच। सारा मामला मेंदोला की दो नंबर विधानसभा और सिलावट की सांवेर विधानसभा के बीच का है। मेंदोली की विधानसभा में वार्ड नंबर 33 में बीजेपी ने मनोज मिश्रा (Manoj Mishra) को टिकट दिया है। मनोज कांग्रेस के मूल निवासी थे। सिंधिया-सिलावट की लहर में बहकर भाजपाई हो गए। सिलावट उन्हें बीजेपी से टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन कहीं जगह ही नहीं बन रही थी। वैसे भी दो नंबर विधानसभा में चुनाव के दो साल पहले ही कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला टिकट का फौरी हिसाब तो बना ही लेते हैं, ऐसे में अचानक कोई प्रकट होकर टिकट मांगे तो यहां खासी दिक्कत हो जाती है। जिस 33 नंबर से मिश्रा को टिकट दिया गया है वहां भी मेंदोला के खास और दो साल से जनता के लिए जी-जना लगा रहे सुरजीत सिंह वालिया तय उम्मीदवार थे। उनका टिकट काटकर सिलावट के कोटे में यहां मिश्रा को दे दिया गया।
बदले में लिया टिकट, खड़े हो गए बागी
मिश्रा को टिकट देने के बदले में मेंदोला ने सांवेर विधानसभा के शहरी टच वाले एक वार्ड में सिलावट से अपने टिकट की हामी भरवा ली। चूंकि यहां सिलावट का कोई उम्मीदवार नहीं था, सो उन्होंने एक-एक अनुपात में डील कर ली। सांवेर (Sanwer) विधानसभा से जुड़े वार्ड 36 में मेंदोला ने अपने बाल सखा सुरेश कुरवाड़े (Suresh Kudwadw) को टिकट दे दिया। यहां कुरवाड़े को बाहरी प्रत्याशी बताया जा रहा है क्योंकि वे जहां से लड़ रहे हैं वो वार्ड उनके निवास से करीब पांच किमी दूर है। यहां एक बागी जीवन पंचोली भी खड़े हो गए हैं। वो यहीं से पिछली परिषद में पार्षद थे और दोबारा दावेदार थे। पार्टी पंचोली को मनाने में भी नाकामयाब रही है। इसी तरह वार्ड 33 में भी मिश्रा के खिलाफ भाजपा की ही बागी महिला उम्मीदवार माया दत्तात्रय खड़ी हो गईं हैं। उनका प्रचार भी जोर-शोर से चल रहा है। कुल मिलाकर दोनों ही सीटों पर दोनों नेताओं ने अपने मन की तो कर ली लेकिन बागियों ने यहां खतरा खड़ा कर दिया है। न सिलावट का प्रत्याशी आराम में है, न मेंदोला का।