Jabalpur. हाईकोर्ट में 1255 पदों पर की जा रही भर्तियों को अंतरिम आदेश के जरिए विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया गया है। इसी के साथ न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की युगलपीठ ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।
112 नवंबर 2021 को निकाला था विज्ञापन
याचिकाकर्ता लोकेश रैकवार की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह और अंजनी कोरी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि हाईकोर्ट द्वारा स्टेनोग्राफर ग्रेड-टू के 108 पद व ग्रेड-थ्री के 205 पदों सहित अन्य पदों को मिलाकर कुल 1255 पदों पर भर्ती की जा रही है। इसके लिए 12 नवंबर, 2021 को विज्ञापन निकाला गया था। इस विज्ञापन में किस वर्ग को किस नियम के तहत कितना आरक्षण दिया जाएगा, इसका उल्लेख नहीं किया गया है। यही नहीं यह भर्ती हाई कोर्ट या मध्यप्रदेश शासन के किस नियम से की जाएगी, इसका भी उल्लेख नहीं किया गया। चूंकि यह रवैया सुप्रीम कोर्ट के इंद्रा साहनी सहित अन्य न्यायदृष्टों के विपरीत है अत: चुनौती दी गई है।
दोषपूर्ण हुआ रिजल्ट
हाईकोर्ट ने 100 प्रतिशत कम्युनिल आरक्षण लागू करके प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया है। 20 और 22 फरवरी को प्रारंभिक परीक्षा हुई। 30 मार्च, 2022 को रिजल्ट आया। स्टेनो वर्ग में अनारक्षित के 403 छात्रों की 77 अंक पर कटऑफ बनाई और सहायक ग्रेड तीन की अनारक्षित वर्ग में 1018 छात्रों को चयनित कर 79 अंक की कटऑफ बनाई। स्टेनो संवर्ग में ओबीसी वर्ग के 129 छात्रों को चयनित कर 81 अंक की कटऑफ और सहायक ग्रेड तीन में 409 ओबीसी छात्रों को चयनित कर 82 अंक की कटऑफ बनाई। महिलाओं की अलग से कटऑफ दर्शित नहीं की गई। दिव्यांगजन के कटऑफ भी दर्शित नहीं किए। किसी भी वर्ग के अभ्यर्थी के प्राप्तांत भी दर्शित नहीं किए। इस वजह से रिजल्ट दोषपूर्ण हो गया।