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Indore.शहर की एक और टॉकीज जल्दी ही अपना रूप बदलेगी। अब वो टॉकीज के बजाए मेट्रो स्टेशन के रूप में नजर आएगा। इसकी अनापत्ति के लिए बीते दिनों प्रशासनिक कार्रवाई की जा चुकी है। इंदौर में मेट्रो ट्रेन की जद में शहर के मध्य बसा रीगल टॉकीज भी आ गई है। इसकी जमीन मेट्रो स्टेशन के लिए देने की कार्यवाही शुरू हो गई है। इससे पहले भी इंदौर के कई टॉकीज रूप बदलकर मॉल, मार्केट में तब्दील हो चुके हैं। हाल ही मधुमिलन टॉकीज जमीदोंज किया गया है।
दरअसल मेट्रो ट्रेन शहर के बाहरी हिस्से से शुरू जरूर होगी लेकिन उसका रूट शहर के पलासिया, हाईकोर्ट, रीगल चौराहा, राजवाड़ा, एअरपोर्ट तक प्रस्तावित है। ऐसे में यहां मेट्रो स्टेशन की जरूरत पड़ेगी। बीते दिनों इसके लिए शहर के मध्य जमीन की तलाश शुरू हुई थी। उसके बाद प्रशासन और मेट्रो कंपनी की नजर रीगल और उससे लगी मिल्की-वे टॉकीज पर पड़ी। इस जगह को मेट्रो स्टेशन के लिए मुफीद माना गया और जमीन आवंटन संबंधी कार्रवाई शुरू कर दी गई। कुछ दिन पहले ही आवंटन को लेकर आपत्तियां भी मंगवाई गई थीं। सूत्रों के मुताबिक समयावधि निकल जाने के बाद तक इस मामले में कोई आपत्ति नहीं आई है। संबंधित विभागों के अनापत्ति पत्र भी मिलना शुरू हो गए हैं। केवल नगर निगम के स्तर पर मामला अटका है।
दोनों टॉकीज पहले ही बंद हो चुकी हैं
रीगल और मिल्की-वे टॉकीज एक-दूसरे से सटे हुए हैं। मिल्की-वे तो बरसों पहले बंद हो चुका था। यह नगर निगम की प्रॉपर्टी थी, लेकिन जमीन वापस लेने के लिए उसे सुप्रीम कोर्ट तक बरसों लड़ना पड़ा। कुछ महीने पहले ही निगम के पक्ष में फैसला हुआ तो तत्काल निगम ने यहां से अतिक्रमण हटाकर पुराने भवन को भी जमींदोज कर मैदान कर दिया है। इसी से लगा हुआ रीगल टॉकीज कुछ महीनों पहले तक चल रहा था। यह भी निगम की संपत्ति है और इसे लीज पर दिया गया था। बाद में लीज निरस्ती, कब्जा आदि को लेकर निगम और लीजधारी के बीच कोर्ट-कचहरी हुई। आखिरकार निगम ने इसे अपने कब्जे में लिया, तब से यहां भी फिल्में लगना बंद हो गईं। अब इसे मेट्रो स्टेशन में तब्दील करने की तैयारी है।
रूट के स्वरूप को लेकर असमंजस
शहर के बाहरी इलाके में भले ही मेट्रो का काम तेज गति से चल रहा है लेकिन अभी भी एक बड़े हिस्से में इसके रूट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। दरअसल बाहरी इलाके में तो मेट्रो को पिलर (एलिवेटेड) पर ही रखा जाएगा लेकिन शहर के अंदरूनी इलाके में इसे अंडरग्राउंड रखें या पिलर पर ही इसे लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। अंदरूनी इलाके में इसका रूट पलासिया, हाई कोर्ट, रीगल टॉकिज, राजवाड़ा, एअरपोर्ट जैसे भीड़ भरे हिस्से में होगा। यहां तक पिलर पर रखने का मतलब है जमीन अधिग्रहण पर भारी खर्च और साइट क्लियर करने में भारी परेशानी। इसके बजाए इसे अंडरग्राउंड कर दिया जाए तो इन दोनों परेशानियों से काफी हद तक बचा जा सकेगा। अभी तो कंपनी और इसके कर्ताधर्ता असमंजस में ही हैं।
यह है मेट्रो का रूट
कुल 31.5 किमी लंबे मेट्रो रूट की शुरुआत एमआर-10 से से बापट चौराहा, विजय नगर, रेडिसन, रोबोट चौराहा (रिंग रोड) से बंगाली चौराहा तक होगा। यहां से मेट्रो शहर के अंदरूनी इलाके का रुख करेगी जो पलासिया के रास्ते हाई कोर्ट, रीगल, राजवाड़ा होते हुए एअरपोर्ट तक पहुंचेगी। बंगाली के बाद शहर में घुसते ही मेट्रो को बहुत मैदानी और हवाई बाधाओं से रूबरू होना पड़ेगा।