JABALPUR:आरोपित को हथकड़ी लगाकर पेश करने के मामले में पुलिस को राहत, अदालत ने खारिज किया केस

author-image
Rajeev Upadhyay
एडिट
New Update
JABALPUR:आरोपित को हथकड़ी लगाकर पेश करने के मामले में पुलिस को राहत, अदालत ने खारिज किया केस

Jabalpur. आरोपी को हथकड़ी लगाना या न लगाना ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी का विवेकाधिकार है। यह कहकर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश यशवंत मालवीय की अदालत ने अपने एक आदेश में साफ किया कि विशेष परिस्थिति में आरोपी को हथकड़ी लगाना पुलिस का अधिकार है। पुलिस अधिकारी को यह अधिकार है कि वह कोर्ट में पेश करते आरोपी को हथकड़ी लगाए या न लगाए। इसके लिए वह अपने अधिकारी के प्रति जवाबदेह है न कि न्यायालय के। इस अहम टिप्पणी के साथ अदालत ने ग्वारीघाट थाना प्रभारी भूमेश्वरी चौहान और रक्षित निरीक्षक सौरभ तिवारी समेत 7 पुलिस कर्मियों के खिलाफ दर्ज प्रकरण निरस्त कर दिया। 



पुलिस अधिकारियों की ओर से अधिवक्ता प्रशांत दुबे ने कोर्ट को बताया कि 22 अप्रैल 2022 को ग्वारीघाट थाना के आरक्षकों मुकेश मेश्राम, राकेश बर्मन ने चोरी के आरोपी कमल गंगवानी को कोर्ट में हथकड़ी लगाकर पेश किया था। इस पर जेएमएफसी कोर्ट ने आरक्षकों, जांच अधिकारी एएसआई के पी पांडे, थाना प्रभारी भूमेश्वरी चौहान और रक्षित निरीक्षक सौरभ तिवारी के खिलाफ पुलिस एक्ट की धारा 29, सहपठित धारा 30, मानवाधिकार नियम, आईपीसी की धारा 352, 355, 166 के तहत प्रकरण दर्ज कराया था। मामले में दलील दी गई कि प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने के कोई साक्ष्य नहीं हैं। आरोपी के फरार होने की आशंका के चलते उसे हथकड़ी लगाकर पेश किया गया था। 




दासता पत्नी को क्षतिपूर्ति राशि का नहीं अधिकार



मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी अजय सिंह ठाकुर की अदालत ने दासता पत्नी को क्षतिपूर्ति दावा राशि प्रदान करने के मना कर दिया। इसी के साथ दावा पत्र निरस्त कर दिया गया। 



मामले की सुनवाई के दौरान सड़क दुर्घटना में मृतक जबलपुर निवासी संदीप जाटव की मां राधाबाई जाटव की ओर से अधिवक्ता आर के जाटव व अरविंद चौधरी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जिस शीला सोनी ने दावा राशि पाने प्रकरण दायर किया  है, वह मृतक की हिंदू रीति-रिवाज से विधिवत पत्नी नहीं बल्कि दासता पत्नी थी। जबकि शीला की ओर से यह बताया गया कि वह एक बच्चे की मां है, जिसका पिता संदीप ही था। दूसरी तरफ मृतक की मां ने साफ किया कि मृतक अविवाहित था और शीला सोनी का पति अब भी जीवित है। अदालत ने सभी तर्क सुनने के बाद दासता पत्नी को क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने से इनकार कर उसका प्रकरण निरस्त कर दिया। 


Jabalpur News Jabalpur जबलपुर जबलपुर न्यूज़ handcuffs RI.TI Relief to the police हथकड़ी केस पुलिस कर्मी का विवेकाधिकार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश न्यायाधीश यशवंत मालवीय