GWALIOR News. जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव हो गए हैं और इनकी मतगणना भी हो चुकी है। हालाँकि अभी उनमें जीती हुए उम्मीदवारों के नामो औपचारिक रूप से ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सबको पता चल चुका है कि जीत का परचम किसने लहराया। जिले में कुल बारह जिला चुने गए हैं और बीजपी और कांग्रेस के बीच कडा मुकाबला हुआ है। दोनों अपने -अपने जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन जीत के बाद इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला नतीजा ये आया है कि इसमें पिछड़ों के बीच आपसी गठबंधन जबरदस्त रहा। हालत ये हैं की जिले में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सभी सीटों पर भी पिछड़ों ने जीत हासिल कर ली। सर एक सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी जीता।
आरक्षण था तीन पर ओबीसी जीते आठ
सुप्रीम कोर्ट के पालन आरक्षण किया गया था जिसके अंतर्गत ग्वालियर जिले में जिला पंचायत सदस्य की बारह सीटों में से सिर्फ तीन सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गयीं थी। पहले की तुलना में यह कम थीं। इस आरक्षण के बाद पिछड़ों की तरफ से नाराजी भी व्यक्त की जा रही थी और पिछड़े संगठनों ने सोशल मीडिया पर जमकर अपने गुस्से का इजहार किया था। लगता है यह नाराजी वोट में भी बदल गई। जिले में आठ सीटें पिछड़े उम्मीदवारों ने जीत ली जबकि आरक्षण सिर्फ तीन पर था। पांच सीटें सामान्य थी इन पर भी कब्जा कर लिए। एक मात्र सामान्य प्रत्याशी जीते वे आलोक शर्मा की पत्नी अंजू शर्मा हैं जो टेकनपुर से जीती हैं। आलोक मूलत :कोंग्रेसी रहे हैं बाद में उन्होंने बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा फिर बीजेपी में शामिल हो गए। अभी वे बीजेपी में ही हैं।
यह प्रत्याशी जीते
वार्ड एक से प्रियंका सतेंद्र गुर्जर,दो से माया भूपेंद्र गुर्जर ,तीन से दुर्गेश कुंअर सिंह जाटव,चार से पिंकी शिवराज यादव,पांच से आशा जसबन्त झाला ,छह से मंदे बाई आदिवासी , सात से नेहा मुकेश परिहार , आठ से आज़ाद सूर्यभान सिंह रावत,नौ से मंजू राजू खटीक,10 से मंजू आलोक शर्मा ,11 से जीतेन्द्र सिंह रावत ईंटमा ,बारह से अनूप सिंह कुशवाह अमरोल।
अपने - अपने दावे
जीत के बाद बीजेपी और कांग्रेस होने -अपने दावे कर रहे हैं। ग्वालियर ग्रामीण से बीजेपी विधायक और शिवराज सरकार में उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने तो कल जीत का जश्न भी मनाया और दावा किया की तरह में से आठ सदस्य बीजेपी के निर्वाचित होकर आये है जबकि कांग्रेस नेता दशरथ सिंह गुर्जर का कहना है कि हमारे पांच सदस्य जीते हैं। इनमे चार हमारे संगठन पदाधिकारी हैं जबकि एक पार्टी का कार्यकर्ता। उनका दावा है कि अनुसूचित जाती के तीन विजयी प्रत्याशियों में से दो निर्दलीय हैं उनसे बात चल रही है। मप्र कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष तथा ग्वालियर ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अशोक सिंह ने चुनाव परिणामो पर ख़ुशी और संतोष व्यक्त करते हुए कहाकि चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है।