Bhopal. राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के कल्याण के लिए गठित मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों का रिटायरमेंट 62 की जगह 65 साल करने की सिफारिश की है। समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने इसका प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है।
राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष शर्मा ने शनिवार 26 अगस्त को ही इस संबंध में मुख्यमंत्री चौहान को प्रस्ताव भेजा है। अपने प्रस्ताव में समिति अध्यक्ष ने मंत्रालय सहित सभी विभागों में हर माह खाली हो रहे पदों का हवाला दिया है। साथ ही सिफारिश की है कि जिस तरह उच्च, तकनीकी एवं चिकित्सा शिक्षा में शिक्षकों तथा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के लिए अधिवार्षिकी आयु 65 साल रखी गई है। उसी प्रकार प्रदेश के अन्य सभी सभी विभागों में भी जब तक पदों पर भर्ती नहीं हो जाती है तब तक अधिकारी-कर्मचारियों को 62 की बजाय 65 साल में सेवानिवृत्ति का लाभ दिया जाए।
बढ़ते काम का दिया हवाला
समिति द्वारा सीएम को भेजे गए प्रस्ताव में खाली पदों के अलावा लगातार बढ़ रहे काम के बोझ का हवाला दिया है। समिति अध्यक्ष शर्मा ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि प्रदेश के विभागों में हर माह सैकड़ों अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। इससेें जहां खाली पद बढ़ते जा रहे हैं, वहीं अन्य कर्मचारियों पर काम का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। सभी विभागों में लंबित काम भी बढ़ता जा रहा है। इसलिए जब तक सरकार द्वारा की जाने वाली भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती है, अधिकारी-कर्मचारियों को 62 की बजाय 65 साल में सेवानिवृत्त किया जाए।
द सूत्र से बाले शर्मा, संविदा पर एक्सटेंशन दे ही रही है सरकार
मप्र राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा ने द सूत्र से चर्चा में कहाकि विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से इस संबंध में मांग की थी। पिछले सालों में रिटायरमेंट से हजारों पद खाली हुए है। वैसे भी सरकार अधिकांश विभागों में संविदा नियुक्ति देकर अधिकारी-कर्मचारियों को दो-तीन साल का एक्सटेंशन दे ही रही है। भर्ती होने तक 65 वर्ष की अधिवार्षिकी आयु में सेवानिवृत्ति की जाती है तो कोई अतिरिक्त भार भी नहीं आएगा। साथ ही चुनाव साल में काम भी संभला रहेगा। केवल एक-दो साल के लिए ही यह व्यवस्था करने की मांग की गई है। सरकार जल्द ही एक लाख पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। सीएम लगातार समीक्षा भी कर रहे हैं। अगले साल चुनाव भी होना है।चुनाव कराने के लिए अनुभवी अधिकारी-कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इन सभी को देखते हुए मैंने सीएम से ये सिफारिश की है।