रीवा के सचिन साहू ने नेशनल चैंपियनशिप में जीता था ब्रॉन्ज, आज बेच रहे आइसक्रीम

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
रीवा के सचिन साहू ने नेशनल चैंपियनशिप में जीता था ब्रॉन्ज, आज बेच रहे आइसक्रीम

Rewa. एथलेटिक्स की 20वीं नेशनल चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतने वाले पैरा एथलीट सचिन साहू आज आइसक्रीम बेचने को मजबूर हैं। उन्होंने 4 साल पहले भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में 400 मीटर की रेस 1.17 सेकंड में पूरी की थी और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।



किराया जुटाने के लिए बेचते हैं आइसक्रीम



पैरा एथलीट सचिन साहू के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। जब वे प्रतियोगिता में जाते हैं तो किराए के लिए भी परेशानी आती है। इसलिए किराया जुटाने के लिए दोपहर और रात में वे आइसक्रीम का ठेला लगाते हैं। उनके पिता राम नरेश साहू और बड़े भाई भी कुल्फी का ठेला लगाते हैं। सचिन साहू भी उनकी मदद करते हैं। सचिन ने 10वीं तक पढ़ाई की है।



प्रैक्टिस के लिए जूते नहीं थे, नंगे पैर दौड़े



सचिन साहू के पास प्रैक्टिस के लिए उनके पास जूते तक नहीं थी। उन्होंने कंकड़-पत्थर भरे मैदान पर नंगे पैर ही दौड़ लगा दी। 2021 में हुई प्रतियोगिता में उन्हें चौथी रैंक मिली लेकिन वे हताश नहीं हुए। रीवा में सुबह 4 बजे से 7 बजे तक सचिन रेलवे स्टेशन के पास ग्राउंड में प्रैक्टिस करते थे। रेलवे ने ग्राउंड में गिट्टी का ढेर लगा दिया। इसके बाद सचिन गिट्टी और कंकड़-पत्थर पर गिरते रहे लेकिन प्रैक्टिस नहीं छोड़ी।



क्रिकेटर बनना चाहते थे सचिन साहू



सचिन 2015 से 2019 तक क्रिकेट खेलते रहे। वे क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन कोई खास सफलता उनके हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर के एथलेटिक्स कोच बीके धवन से संपर्क किया। कोच ने उन्हें एथलेटिक्स में कोशिश करने को कहा। सचिन साहू की राह आसान नहीं रही। उन्होंने ग्वालियर में ट्रायल दिया। वहां से स्टेट टीम में सिलेक्ट होने पर सचिन भोपाल आए। सचिन उमरिया के आसोढ़ के समीप पटना गांव में रहते हैं। परिवार में माता-पिता के साथ चार बहनें और दो भाई हैं। दो बहनों और बड़े भाई की शादी हो चुकी है। पूरा परिवार एक रिश्तेदार के दिए हुए मकान में रहता है।

 


MP News MP Rewa रीवा मध्यप्रदेश की खबरें दिव्यांग forced sell para athlete Sachin Sahu ice cream पैरा एथलीट सचिन साहू आइसक्रीम मजबूर