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रीवा: पूर्व डीन से झारखंड के आरोपियों ने ठगे 10 लाख, पकड़ाए; ऐसे साजिश रची

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Atul Tiwari
09 May 2022 00:00 IST
एडिट 09 May 2022 09:35 IST

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रीवा: पूर्व डीन से झारखंड के आरोपियों ने ठगे 10 लाख, पकड़ाए; ऐसे साजिश रची

Rewa. यहां के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. पीसी द्विवेदी (नेत्र रोग) के अकाउंट से दस लाख रुपए पार करने वाला अंतर्राज्यीय ठग गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। झारखंड से साइबर सेल और अमहिया पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के बैंक अकाउंट से पैसा निकालने में माहिर थे। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से 9 लाख 89 हजार जब्त किए हैं।



ऐसे सामने आया मामला



21 अप्रैल को अमहिया थाने में डॉ. द्विवेदी ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। क्रेडिट कार्ड संबंधी असुविधा होने पर उन्होंने गूगल पर बैंक की वेबसाइट सर्च की, जिसमें दिए गए कस्टमर केयर नंबर से उन्होंने बात की। इसके बाद उनसे ऑनलाइन फॉर्म भरवाया गया और ओटीपी लेकर आरोपियों ने 10 लाख रुपए निकाल लिए। मामले की शिकायत के बाद अमहिया पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। 



साइबर सेल रीवा से जानकारी मिली कि घटना में शामिल आरोपी जामताड़ा (झारखंड) में रहते हैं। इसके बाद रीवा साइबर सेल के एसआई गौरव मिश्रा और अमहिया थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल की संयुक्त टीम को जामताड़ा के लिये रवाना किया गया। झारखंड में अलग-अलग जगह दबिश देकर पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उन्हें रीवा लाया गया।



ऐसे देते थे वारदात को अंजाम



पकड़े जाने के बाद ठगों ने वारदात के तरीके के संबंध में पुलिस को बताया कि वो एक गिरोह के रूप में काम करते हैं। कंप्यूटर की जानकारी रखने वाला गिरोह का सदस्य विभिन्न बैंकों की फर्जी वेबसाइट फर्जी डोमेन का सहारा लेकर बनाता है और उसको गूगल पर अपलोड कर देता है। जब कोई कस्टमर खाते संबंधी समस्या आने पर संबंधित बैंक के कस्टमर केयर का नंबर गूगल पर सर्च करता है तो वहां पर हमारी फेक वेबसाइट भी खुल जाती है, जहां हमारा मोबाइल नंबर होता है। 



जैसे ही कस्टमर उस नंबर पर फोन लगाता है तो हम बैंक कर्मचारी बनकर उसके खाते की गोपनीय जानकारी हासिल कर लेते हैं। फिर  कस्टमर से उसी वेबसाइट पर एक फॉर्म भरने को कहा जाता है। खाते की सारी जानकारी मिलते ही गिरोह के लोग डिजिटल तरीकों का इस्तेमाल करते हुए उन पैसों को अपनी सुविधानुसार गिरोह के सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। बाद में एटीएम से पैसा निकाल लिया जाता है। 



स्मार्टली काम करते हैं आरोपी



गिरफ्तार आरोपी ने यह भी बताया कि वे ऑनलाइन खरीदारी में भी कस्टमर के पैसों का इस्तेमाल करते हैं। आरोपियों के संबंध में पुलिस व अन्य किसी को जानकारी ना हो, इसके लिए वो अपनी सिम व मोबाइल नंबर बदलते रहते हैं। धोखाधड़ी को अपने घर से दूर जाकर किया जाता है, ताकि किसी को उनके मोबाइल की सही लोकेशन ना मिल सके।



इतना ही नहीं, आरोपी एक फर्जी वेबसाइट और फर्जी कस्टमर केयर नंबर को एक निश्चित समय तक उपयोग करने के बाद गूगल से उसे हटाकर बैंक संबंधी नई फर्जी नई वेबसाइट डेवलप कर, नया कस्टमर नंबर गूगल पर अपलोड करते थे। इसके बाद नई ठगी की कहानी शुरू हो जाती है।



नकदी, एटीएम समेत मोबाइल बरामद



ठगी करने वाले आरोपियों से पुलिस ने 9.89 लाख नकदी के साथ 3 पासबुक, 6 एटीएम कार्ड, 12 मोबाइल फोन एवं सिम कार्ड जब्त किए हैं। आरोपियों को पुलिस ने एक दिन की रिमांड में लिया है। मामले में आरोपी मुशर्रफ अंसारी (29, निवासी कर्माटाण, जामताड़ा), मुनव्वर अंसारी (30, निवासी कर्माटाण, जामताड़ा) और फैज आलम (20, निवासी रिंगों-चिंगों, जामताड़ा) को गिरफ्तार किया गया है।


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