रीवा : सेना में लेफ्टिनेंट बनेंगी गलवान के शहीद सैनिक दीपक सिंह की पत्नी रेखा

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Rahul Garhwal
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रीवा : सेना में लेफ्टिनेंट बनेंगी गलवान के शहीद सैनिक दीपक सिंह की पत्नी रेखा

Rewa. रीवा के शहीद सैनिक दीपक सिंह की पत्नी रेखा ने उनके सपने को पूरा किया है। रेखा सिंह सेना में लेफ्टिनेंट बनेंगी और देश की सेवा करेंगी। शहीद दीपक सिंह का सपना था कि उनकी पत्नी अधिकारी बनें। दूसरे प्रयास में रेखा सिंह का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ। 28 मई से चेन्नई में उनकी ट्रेनिंग होगी। एक साल की ट्रेनिंग के बाद वे सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सेवाएं देंगी।





दीपक सिंह ने रेखा को अधिकारी बनने के लिए किया प्रेरित





शादी से पहले रेखा सिरमौर के जवाहर नवोदय विद्यालय में टीचर थीं। उच्च शिक्षित रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। विवाह के बाद उनके पति दीपक सिंह ने रेखा को अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। रेखा सिंह ने अपने पति की मृत्यु के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। उनके मायके और ससुराल के परिवारजनों ने पूरा सहयोग किया। रेखा सिंह को मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दी गई। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना शिक्षकीय दायित्व निभाया। लेकिन उनके मन में सेना में जाने की इच्छा लगातार बलवती होती रही। रेखा सिंह ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की। रेखा सिंह को रीवा जिला प्रशासन तथा जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने सेना में चयन के संबंध में उचित मार्गदर्शन और संवेदनशीलता से सहयोग दिया।







दीपक सिंह और रेखा की शादी की तस्वीर।



दीपक सिंह और रेखा की शादी की तस्वीर।







1 साल में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देंगी रेखा सिंह





रेखा सिंह ने बताया कि जब कोई नव विवाहिता किसी कारणवश अपने पति को खो देती है तो परिवार और समाज उस बेटी के भविष्य को लेकर अनेक प्रश्नचिन्ह लगाता है। तरह-तरह के लांछन लगाकर भविष्य के आगे बढ़ने के सभी मार्ग बंद करने का प्रयास करता है। मैं ऐसे व्यक्तियों का मुंह बंद करने और अपनी बहनों को हौसला देने के लिए सेना में शामिल हुई हूं। मुझे उचित मार्गदर्शन मिला। मैंने नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारियों का प्रशिक्षण लिया। रीवा में मैंने फिजिकल ट्रेनिंग ली। अपने पहले प्रयास में मुझे सफलता नहीं मिली। लेकिन दूसरे प्रयास में मेरा चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ। मेरा प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू होगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर एक साल में मैं भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपनी सेवाएं दूंगी।





गलवान की घाटी में शहीद हुए थे दीपक सिंह





विंध्य की भूमि वीरों और शहीदों की भूमि है। यहां की माटी में जन्म लेने वाले कई वीरों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। इन्हीं में शामिल हैं रीवा के फरेदा गांव के लांस नायक स्वर्गीय दीपक सिंह। दीपक ने भारतीय सेना के जांबाज सैनिक के रूप में 15 जून 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के धोखे से किए गए हमले का जोरदार मुकाबला किया। उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ कड़ा मुकाबला करते हुए अपने साथियों के साथ चीनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। लेकिन इस संघर्ष में दीपक सिंह मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।







दीपक सिंह का वीर चक्र ग्रहण करतीं पत्नी रेखा सिंह।



दीपक सिंह का वीर चक्र ग्रहण करतीं पत्नी रेखा सिंह।







शादी के 15 महीने बाद रेखा ने पति को खो दिया





दीपक सिंह की शादी को 15 महीने ही हुए थे। उनकी शहादत की खबर रीवा पहुंचने पर उनके परिवार के सदस्यों के साथ पत्नी रेखा पर जैसे वज्रपात हो गया। विवाह के केवल 15 माह के बाद रेखा ने अपने पति को खो दिया। दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की थी।



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