Rewa. नगरीय चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों का नाम घोषित होने के साथ ही उनकी राह में कांटे बिछना भी शुरू हो गए हैं। इसकी शुरुआत रीवा से हुई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गुरुवार ( 09 जून) को जब प्रत्याशियों के नाम तय कर रहे थे तब इधर रीवा में महापौर पद के दावेदार शहर कांग्रेस अध्यक्ष गुरुमीत सिंह मंगू ने अपने नाम के पर्चे बाँटने में जुटे थे।
मंगू ने पर्चे में लिखा, न झुका हूं,न झुकूंगा, लड़ता रहा हूं...लड़ूंगा
शुक्रवार (10 जून) की सुबह-सुबह अखबारों के साथ शहर के मतदाताओं को गुरुमीत सिंह मंगू का एक पर्चा हाथ लगा। इसमें उन्होंने अपनी फोटो और कांग्रेस के चुनाव चिन्ह के साथ लिखा है, -न झुका हूं, न झुकूंगा। लड़ता रहा हूं.. लड़ूँगा। पर्चे में महापौर के अधिकृत प्रत्याशी अजय मिश्र बाबा का कोई जिक्र नहीं है। जबकि मंगू को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि टिकट उन्हें नहीं बल्कि अजय मिश्र को दी जा रही है।
कमलनाथ के खास हैं मंगू
गुरुमीत सिंह मंगू तभी से शहर अध्यक्ष हैं जबसे कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने। मंगू बीस सालों से वाह्या छिन्दवाड़ा कमलनाथ कैंप से जुड़े हैं। रीवा जिला कांग्रेस में भारी विरोध के बाद भी उन्हें कोई नहीं हिला सका। अठारह महीने की कांग्रेस सरकार में जिले की सत्ता मंगू के इर्दगिर्द ही घूमती रही। मंगू लंबे समय से महापौरी की तैय्यारी में जुटे थे। उन्होंने इस बार भी दावेदारी पेश की थी लेकिन उनका जबरदस्त विरोध देखते हुए संभाग प्रभारी प्रतापभानु शर्मा ने इनकार कर दिया था। उन्होंने कमलनाथ को साफ बता दिया था कि मंगू को संगठन में कोई पद दे दें लेकिन टिकट दी तो कांग्रेस की भद्द पिट जाएगी। मंगू ने कमलनाथ के सामने भी कला दिखाई पर वे इस बार नहीं पसीजे। सर्वेक्षण के आधार पर अजय मिश्र बाबा की टिकट फायनल कर दी। यद्दपि सर्वे में सबसे वरिष्ठ पार्षद लखन खंडेलवाल व कविता पांडेय का भी नाम था।
कविता पांडेय भी कोप भवन में..
खुद को सबसे बड़ा जिताऊ दावेदार कहने वाली कविता पांडेय का कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद अब फोन नहीं उठ रहा है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही वे कोप भवन में है। रिश्ते में श्रीनिवास तिवारी की भतीजी कविता पांडेय प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पिछली बार रीवा की महापौरी सामान्य महिला उम्मीदवार के लिए रिजर्व थी। कविता की दावेदारी की अनदेखी करते हुए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने अपने एक समर्थक की पत्नी प्रियंका तिवारी को टिकट दे दिया था। तब कविता बागी होकर लड़ी व बीजेपी को टक्कर दी। विधानसभा चुनाव में भी दावेदारी की लेकिन टिकट भाजपा से आए अभय मिश्र को मिल गया।
चुनाव मैदान में निर्दलयी कूद सकतीं हैं कविता
कविता ने अभय के खिलाफ काम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इस बारे में अभय की यह शिकायत अभी भी लंबित है। कविता की टिकट पर अभय मिश्र और अरुण यादव समर्थक विमलेंद्र तिवारी को आपत्ति थी सो इसलिए विचार भी नहीं हुआ। जानकार कहते हैं कि कविता पांडेय चुनाव मैदान पर फिर से निर्दलीय कूद सकती है।
कांग्रेस में सबको साधना टेढ़ी खीर
कई गुटों में बटीं रीवा कांग्रेस को साधना प्रदेश नेतृत्व के लिए टेढ़ी खीर है। हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रतापभानु शर्मा संतुलन साधने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी बैठकों में सभी गुट बराबरी से हाजिर भी हो रहे हैं लेकिन असली परीक्षा महापौर के चुनाव में सबको साधने को लेकर होनी तय है।