GWALIOR. एक तरफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकालकर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए देशव्यापी यात्रा करके पसीना बहा रहे है वहीं ग्वालियर में उनकी यात्रा को लेकर कांग्रेसी आपस मे सिर फुटौब्बल खेल रहे हैं । यहां भारत जोड़ो यात्रा के लिए संपर्क यात्रा निकालने के लिए सह प्रभारी बनाये गए नेता से बैठक में ही विवाद हो गया ।उन्होंने बाहर से अपनी बंदूक मंगवा ली । इसके बाद जिला अध्यक्ष के समर्थन में उतरे पदाधिकारी लामबंद होकर सह प्रभारी को हटाने की मांग कर रहे है । कहा जा रहा है कि जब आए महेंद्र चौहान प्रभारी बने हैं तब से यहां गुटवाजी बढ़ गई है । जिला अध्यक्ष से भी इनकी पटरी नहीं बैठ रही है। इस घटना को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में जमकर हंगामा किया। स्वयं जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने अल्टीमेटम दिया है कि आगामी अड़तालीस घंटे में पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ दोषी नेता को पार्टी से बाहर कंरने की कार्यवाही करे। वे गांधीवादी हैं और हिंसक लोगों एक साथ काम नहीं करेंगे।
जोड़ो यात्रा की तैयारी में टूटी कांग्रेस
मध्यप्रदेश में राहुल गाँधी की कांग्रेस जोड़ो यात्रा आने वाली है। चूंकि इस यत्रा को मध्यप्रदेश में केवल कुछ ही जिलों से गुजरना है लिहाजा कांग्रेस ने कांग्रेस का माहौल बनाने के लिए कमलनाथ ने हर जिले में यात्राएं निकालने का कार्यक्रम तैयार किया है ताकि लोग और कार्यकर्ता भावनात्मक रूप से राहुल गाँधी की यात्रा से जुड़ सकें। इसके लिए हर जिले में यत्रा प्रभारी भी नियुक्त किये गए हैं। लेकिन ग्वालियर में कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए बुलाई गयी बैठक में ही कांग्रेस टूटने की कगार पर पहुँच गयी। बैठक में जिला अध्यक्ष और यात्रा प्रभारी में विवाद हो गया।आरोप है कि सह प्रभारी ने अध्यक्ष के साथ तू तड़ाक वाली भाषा में बात की और फिर बाहर से अपनी बन्दूक मांगा ली तो सनसनी फ़ैल गयी।
ये हुआ था घटनाक्रम
यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने योगेंद्र सिंह तोमर को ग्वालियर जिले का प्रभारी बनाया था। तोमर द्वारा चार दिन पहले ग्वालियर के कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बैठक बुलाई गई थी बैठक में योगेंद्र तोमर मंडल अध्यक्षों को खड़ा कर उनके प्लान के बारे में पूछ रहे थे। बैठक में मौजूद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आप अपना कार्यक्रम और प्लान बताएं।इसी को लेकर योगेंद्र सिंह तोमर भड़क गए और जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा से बहस हो गई। इस दौरान तोमर ने अध्यक्ष से तू तड़ाक की भाषा में बात की। मामला यहीं नहीं रुका। यहाँ बंदूकों की आमद हो गयी। योगेंद्र तोमर के कहने पर उनके समर्थक कार से बंदूक निकाल लाए।
घटना से कमलनाथ को अवगत कराया
कांग्रेस दफ्तर में बन्दूक लहराने से कार्यकर्ता और पदाधिकारी सन्न रह गए। तोमर के जाने के बाद कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष पर दबाव बनाया कि वे तोमर के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करें। इसके बाद कार्यकर्ताओं के सामने ही अध्यक्ष ने सारे घटनाक्रम की जानकारी पीसीसी चीफ कमलनाथ को दी। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जिला प्रभारी बोले थे मामला निपट गया
पीसीसी से ग्वालियर जिले के प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि तोमर ने माफ़ी मांग ली है। जबकि कहा जा रहा है कि असली विवाद के पीछे चौहान ही हैं। अजय सिंह राहुल भैया के समर्थक चौहान और जिला अध्यक्ष डॉ शर्मा के बीच शुरू से ही पटरी नहीं बैठ रही है। इस बात की जानकारी डॉ शर्मा कमलनाथ को भी दे चुके हैं कि चौहान कांग्रेस के खिलाफ काम करने वालों को ही बढ़ावा दे रहे हैं। चौहान ने ही तोमर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रभारी बनाया। योगेंद्र तोमर को ग्वालियर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके पीसीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील शर्मा का विरोधी माना जाता है। तोमर के खिलाफ टिप्पणियां भी कर चुके हैं। वे स्वयं ग्वालियर सीट से कांग्रेस टिकट के दावेदार भी हैं।
तोमर ने कहा - अध्यक्ष सिंधिया समर्थकों को बढ़ा रहे हैं
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए तोमर ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ शर्मा सिंधिया के प्रति छुपी आस्था रखने वालों को ही संरक्षण देते है। तोमर की बैठक में भी सुनील शर्मा नहीं पहुंचे। जब वे बैठक हो रही थी शर्मा के नेतृत्व में एक जुलूस निकल रहा था। डॉ शर्मा ने कहा कि सुनील शर्मा ने उनसे पूछकर ही यह जुलूस निकाला है , बैठक में इस पर भी मुंह बंद हुआ था।
शांत होने की जगह बढ़ रहा है विवाद
लेकिन यह विवाद थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। यात्रा के जिला प्रभारी योगेंद्र तोमर के विरोध में सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय पहुंचे,जहां जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा के समक्ष उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए यात्रा प्रभारी योगेंद्र तोमर की निष्कासन की मांग की। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर योगेंद्र तोमर को पार्टी देने निष्कासित नहीं किया तो हम सब से सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता इस्तीफा सौंप रहे हैं।बड़ी मशक्कत के बाद जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा ने उन्हें समझाया औरअड़तालीस घंटे की मोहलत दी। उनका कहना है कि योगेंद्र तोमर हथियारों के दम पर कार्यकर्ताओं को दबाने की कोशिश कर रहे हैं यह अहिंसा के रास्ते पर चलने वाली पार्टी है।पार्टी में इस तरह की गुंडागर्दी कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा।अगर 24 घंटे के अंदर पार्टी ने उन्हें निष्कासित नहीं किया उसे कांग्रेसी कार्यकर्ता पार्टी को इस्तीफा सौंप देंगे।
महामंत्री बोले - कार्यवाही न होने से अचंभित हैं
जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री तरुण यादव ने कहा कि दफ्तर में बन्दूक लहराने वाले पर अब तक कार्यवाही न होने से सभी कार्यकर्ता अचंभित है। उन्होंने बताया कि सात अक्टूबर को भारत जोड़ो यात्रा के सन्दर्भ में एक बैठक कार्यालय में रखी गयी थी। जिसमें यात्रा के प्रभारी योगेंद्र तोमर द्वारा जिला अध्यक्ष डॉ शर्मा ,बैठक में उपस्थित मंडल अध्यक्ष और मण्डलम प्रभारियों के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया गया। धमकाने और भय का माहौल बनाने के लिए नीचे से बंदूकें भी मंगवाई गई। चार दिन से देख रहे हैं की वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।इसलिए हम गांधीवादी विचारधारा के लोगों ने तय किया गया है कि इस तरह के हिंसावादी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती तो हम अपने सामूहिक इस्तीफे कांग्रेस पार्टी को देंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले - हम गांधीवादी , हिंसक लोगों के साथ नहीं करेंगे काम
जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा भी इस मामले में मुखर नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस दफ्तर में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग गांधीवादी विचारधारा पर चलने वाले कर्मठ कार्यकर्ता है। चार अक्टूबर को जिस तरह के हिंसात्मक लोगों का पदार्पण हुआ उसका विरोध ये सब लोग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे लोग ऐसे हिंसात्मक लोगों के साथ काम नहीं करेंगे। डॉ शर्मा का कहना है कि मेरा इस सम्बन्ध में कहना है कि पूरे मामले की जानकारी प्रदेश कांग्रेस को दे दी गयी है और प्रदेश अध्यक्ष ने आश्वस्त किया है कि मैं इस मामले में निर्णय करूंगा। मैं उनके निर्णय का इंतज़ार कर रहा हूँ। मैंने कार्यकर्ताओं से अड़तालीस घंटे का समय माँगा है। मैं कार्यक्रताओं के मत से सहमत हूँ। वे हिंसात्मक लोगों के साथ काम नहीं करना चाहते और हम भी नहीं करना चाहते क्योंकि हम गांधीवादी लोग हैं।