Bhopal. मप्र को इंडस्ट्री हब बनाने में एससी-एसटी उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। एमएसएमई, फ़ूड प्रोसेसिंग, कृषि, हॉर्टिकल्चर, एक्सपोर्ट, माइनिंग जैसे सभी क्षेत्रों में इन वर्गों के उद्यमी और युवा तेजी से आगे आ रहे हैं। डिक्की ने इन वर्गों के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस मॉडल तैयार किया है।
दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) द्वारा आयोजित दो दिवसीय एससी-एसटी उद्यमियों की कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम में इसका प्रस्तुतिकरण किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी विकासखंडों से एससी-एसटी उद्यमियों और युवा भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला का शुभारंभ डिक्की मप्र के मेंटॉर डॉ मनोज आर्य, प्रेसिडेंट डॉ अनिल सिरवैया, एमएसएमई वर्टिकल हेग नरेश मुन्द्रे, जबलपुर कॉर्डिनेटर राजेश बुनकर, रीवा कोर्डिनेटर विजयशंकर निरत ने किया।
सत्रों में विशेषज्ञ ने सिखाए गुर
डॉ. मनोज आर्य ने डिक्की के कार्यों और भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आमतौर पर नव उद्यमी को जो परेशानियां होती हैं, उनको किस प्रकार डिक्की दूर किया जाता है। उन्होंने बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर के आर्थिक विकास के कार्यों और उनके योगदान के बारे में बताया। महिला उद्यमी और बिजनेस कोच जयश्री नायर ने बिजिनेस लीडरशिप पर व्याख्यान दिया। उन्होंने उद्यमी की क्षमताओं और ताकत पर चर्चा की। उन्होंने सेल्फ अवेरनेस को जरूरी बताया। उद्यानिकी विभाग के अपर संचालक कमल सिंह किराड़ ने उद्यमिता से सम्बंधित विभाग की योजनाओं की जानकारी दी।
स्वच्छता उद्यमी इम्तियाज अली ने स्वच्छता को लेकर नए रोजगार के अवसर प्रदान किया। कचरे से कैसे नए रोजगार की शुरुआत की जाए, इसकी जानकारी दी । उन्होंने बताया कि ग्रेन्यूल्स, टाइल्स, रोड कंस्ट्रक्शन, सिविल इंड्रस्टी में प्रोसेसिंग, कुशन, मल्टी लेयर चेअर, रेड बैंच पहल जैसे उद्यमिता मॉडल्स की चर्चा की। इंडस्ट्री विशेषज्ञ निखिल गुप्ता ने 360 डिग्री बिज़नेस सल्यूशन की जानकारी दी। उन्होंने नए बिज़नेस के लिए क्या कौशल और योग्यता की आवश्यकता होंगी विस्तार से जानकारी दी। साथ ही किन नए बिज़नेस के अवसर वर्तमान मे हैं विस्तृत जानकारी के साथ इसमें मिलने वाली सब्सिडी की भी जानकारी दी गई, इंक्यूबेशन सेंटर के कार्य और महत्व को बताया गया।