Bhopal. मध्यप्रदेश के हनीट्रैप कांड (honeytrap scandal) में आरोपी आरती दयाल (Aarti Dayal)को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला 13 मई बुधवार को सुनाया है। मामले में श्वेता विजय जैन (Shweta Vijay Jain) इंदौर के केन्द्रीय जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आदेश जारी किया है। इस जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश शासन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह 2 महीने के अंदर भोपाल जिला कोर्ट मे चल रहे मानव तस्करी केस के ट्रायल को खत्म करेंगे। हालांकि अभी इस मामले में और गवाहों की टेस्टिंग होनी है।
श्वेता विजय जैन और अभिषेक अब भी जेल में बंद
श्वेता और अभिषेक अभी भी इंदौर के केन्द्रीय जेल में बंद हैं। 10 महीने पहले इंदौर आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन और मोनिका को सेंट्रल जेल से जमानत दे दी गई थी। आरोपी श्वेता को इस केस में जमानत हो चुकी थी। लेकिन भोपाल में मानव तस्करी में केस दर्ज होने की वजह से वे अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी।
2 माह के भीतर केस के ट्रायल समाप्त करने को कहा
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने 13 मई को जमानत स्वीकृत की। इस जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश शासन ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह 2 महीने के अंदर भोपाल जिला कोर्ट मे चल रहे मानव तस्करी केस के ट्रायल को खत्म करेंगे। लेकिन इस मामले को 2 महीने में खत्म करने में शासन सफल नहीं हो सकी।
आरती दयाल के बारे में जानें
इंदौर में गिरफ्तारी के दौरान सामने आए कागजातों में आरती के पति का नाम पंकज दयाल बताया गया था। लेकिन दावा ये किया जा रहा था कि आरती ने फरीदाबाद (हरियाणा) के एलजीएम नगर में रहने वाले अनिल वर्मा नाम के लड़के के साथ शादी की थी। बाद में रिश्ते खराब होने की वजह से आरती ने छतरपुर न्यायालय और कुटुंब न्यायालय में अनिल वर्मा, उसके पिता-मां के खिलाफ मार्च 2014 में केस दर्ज कराया था। हालांकि बाद में दोनों पक्षों के बीच सब सही हो गया और इस मामले में दोनों तरफ से समझौता कर लिया गया। इसके बाद आरती ने अनिल को छोड़ दिया। 2017 में आरती छतरपुर में रहने वाले पंकज दयाल के साथ कोटेकेट में आई। जिसके बाद दोनों बिना शादी के लिव इन में रहने लगे थे।
क्या है मामला
18 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने भोपाल से 3, इंदौर से 2 महिलाओं और ड्राइवर को हिरासत में लिया था। जिनके नाम आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी भटनागर और ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी है। इन्होंने इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह को हनी ट्रैप में फंसाया था। आरोपियों ने वीडियो के जरिए हरभजन से तीन करोड़ रुपए मांगे थे। इसके बाद पलासिया थाने में सभी आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।