SHIVPURI: मोबाइल पर ढूंढी मर्डर करने वाली गैंग और एक्स आर्मी मैन के भाई ने करा दी पिता की हत्या

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The Sootr CG
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SHIVPURI: मोबाइल पर ढूंढी मर्डर करने वाली गैंग और एक्स आर्मी मैन के भाई ने करा दी पिता की हत्या

मनोज भार्गव, SHIVPURI. आज के जमाने में लोग पढ़ने-लिखने से लेकर मनोरंजन के लिए सोशल माध्यम का सहारा ले रहे हैं, लेकिन यही इंटरनेट की सुविधा अब लोगों की हत्या का माध्यम भी बनता जा रहा है। लोग अब इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर अपने ग्रुप बना रहे हैं और उन पर हत्या और अपहरण किया कि लूट की वारदातों को अंजाम देने के लिए संपर्क करने की बात भी करते नजर आ रहे हैं। ऐसे ही एक सौदे के जरिए बेटे द्वारा पिता की हत्या कराने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जब पैसे के लिए बेटे ने अपने पिता की सुपारी देने में भी संकोच नहीं किया और घर बैठे गैंगस्टर को बुलाकर करा दी अपने पिता की हत्या। 



जानकारी के अनुसार शिवपुरी के पिछोर में घर की दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में सो रहे वृद्ध की चार दिन पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पूरे पिछोर में सनसनी फैल गई थी। पुलिस के लिए भी यह एक गुत्थी बन गई थी कि कोई नीचे से आया नहीं, घर के अंदर आया नहीं। ना ही कोई बाहरी व्यक्ति घर में आया लेकिन वृद्ध को गोली कैसे लगी? इसे लेकर इस पूरी वारदात पर सवालिया निशान लग रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल की तो सारे पत्ते अपने आप खुल गए। पूरा मामला पिता के पास रखे पैसे को लेकर था और हत्या बेटे ने ही कराई है। बाहर से सुपारी किलर बुलाकर। 



यह है पूरा मामला 



मृतक का नाम महेश गुप्ता (Mahesh Gupta) था। मृतक का बड़ा बेटा आर्मी में नौकरी करता था और करीब 2 साल पहले उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद आर्मी ने महेश गुप्ता को एक करोड़ रुपए की राशि दी थी। वहीं मृतक के दूसरे बेटे अंकित को सट्टे और शराब की लत थी। जिसकी वजह से उसकी पत्नी और पिता के साथ आए दिन झगड़ा होता रहता है। इससे बचने और पिता से एक बार में ही पूरा पैसा हड़पने के लिए  अंकित ने अपने एक दोस्त के माध्यम से सोशल मीडिया का सहारा लिया और बिहार के सिवान के एक भाड़े के किलर एके नाम के ग्रुप से संपर्क कर लिया। मोबाइल पर ही पूरा ठेका देकर उसे पिछोर बुलाया और उसके बाद इस भाड़े के किलर को अपने घर में छुपा कर पिता की हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया। हत्या के बाद अंकित (Ankit) पुलिस को लगातार गुमराह करता रहा। पुलिस ने जब अंकित का मोबाइल छाना तो पूरी असलियत सामने आ गई। पुलिस को मोबाइल की पड़ताल में पता चला कि अंकित ने बिहार के सिवान के किसी ए के ग्रुप से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क किया है। यह ग्रुप मोटी रकम लेकर हत्या और अपहरण की वारदात को अंजाम देता था। बस मोबाइल का इसी उपयोग ने अंकित को हवालात की हवा खिला दी। 

 


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