/sootr/media/post_banners/1c27bcdad0e69dd180aedb8c268cfad0760087439008366465bc5f2d69f7085b.jpg)
चुनाव के दौरान अक्सर राजनीतिक दल जनता के लिए लोकलुभावन वादों का ऐलान करते हैं.. इस समय नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं तो राजनीतिक दलों ने मुफ्त सेवाएं देने की झड़ी लगा दी है.. मुफ्त देने के प्लान सामने आ रहे हैं.. कांग्रेस का वादा है कि वो संपत्ति कर और जलकर आधा कर देगी। ग्वालियर में कचरा शुल्क माफ करने का ऐलान किया.. आम आदमी पार्टी ने फ्री वाइफाई, हाउस टैक्स माफ करने और कमर्शियल टैक्स आधा करने का ऐलान कर दिया.. बीजेपी ने भी रियायती दरों पर दुकानें देने का वादा संकल्प पत्र में किया है.. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने किसान कर्जमाफी का ऐलान किया था.. बीजेपी 15 महीने बाद सत्ता में आई तो उसने किसानों के लोन का ब्याज माफ करने का ऐलान कर दिया.. मुफ्त, रियायत, निशुल्क, सब्सिडी .. राजनीतिक दलों की डिक्शनरी के ये शब्द अर्थव्यवस्था पर कितने भारी है..