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शिवराज सिंह राजपूत, SEHORE. सीहोर में आदिवासी महिला से मारपीट के मामले में लापरवाही बरतने वाले दो पुलिसकर्मियों को एसपी मयंक अवस्थी ने सस्पेंड कर दिया है। श्यामपुरा में 12 अगस्त को एक आदिवासी महिला के साथ मारपीट का मामला सामने आया था। सिद्दीकगंज थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। इसलिए पीड़ित ने एसपी से शिकायत की जिसके बाद एसपी ने लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मी अर्जुन और शुभमपाल को सस्पेंड कर दिया।
एसपी ने पुलिसकर्मियों पर की कार्रवाई
एसडीओपी मोहन सारवान (SDOP Mohan Sarwan) 17 अगस्त को मामले की जांच और सभी के बयान दर्ज करने सिद्दीकगंज श्यामपुरा गए थे। सिद्दीकगंज पहुंच कर एसडीओपी ने पीड़ित परिवार का बयान लिया। सबसे पहले एसडीओपी मोहन सारवान ने एसपी सीहोर को जांच की इन्फॉर्मेशन दी। इसके बाद एसपी मयंक अवस्थी ने दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल रूप से सस्पेंड कर दिया।
सिद्दीकगंज थाने की पुलिस ने नहीं लिखी थी रिपोर्ट
एसडीओपी ने 17 अगस्त को निर्देश दिए कि सिद्दीकगंज पुलिस पीड़ित महिला मनीषा की रिपोर्ट दर्ज करें। सिद्दीकगंज पुलिस ने जितेंद्र बारेला के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसडीओपी मोहन सारवान ने द सूत्र को बताया कि 12 अगस्त की रात जितेंद्र और कमल के बीच विवाद हुआ था। जितेंद्र ने फोन करके दोनों पुलिस वालों को भी बुला लिया था। इस झगड़े में हुई मारपीट के चलते मनीषा और उसके पति को चोट आई थीं। घटना के बाद घायल महिला के परिजन की सिद्दीकगंज पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी थी।
दोनों पुलिसकर्मियों पर भी लगे गंभीर आरोप
जब सिद्दीकगंज पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट नहीं लिखी तो वो 14 अगस्त को एसपी ऑफिस पहुंचे और पूरे मामले की लिखित में शिकायत की। रिपोर्ट में पुलिसकर्मी अर्जुन और शुभमपाल के खिलाफ रिपोर्ट ना लिखने और मामले में शामिल होने के गम्भीर आरोप लगाए। इन आरोपों के चलते जिला पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने 17 अगस्त को दोनों पुलिसकर्मी अर्जुन और शुभम पाल को तत्काल सस्पेंड कर दिया।
सिद्दीकगंज के थाना प्रभारी को हटाने की मांग
पूरे मामले में आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय भी पीड़ित परिवार से मिलने श्यामपुरा पहुंचे। रघुनाथ सिंह ने कहा कि मामला गंभीर है और उस महिला को गंभीर चोटें भी आई हैं। मामले की जांच हो रही है, दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने एसडीओपी से मांग की है कि सिद्दीकगंज थाना प्रभारी कमल सिंह ठाकुर को भी हटाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि कमल सिंह से ही दोनों पुलिस वालों को संरक्षण मिलता है। यदि उन्हें भी नहीं हटाया गया तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे।