सागर: मेडिकल कॉलेजों में राजस्व अधिकारी की नियुक्ति का विरोध, डॉक्टर्स को निर्णय अस्वीकार

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सागर: मेडिकल कॉलेजों में राजस्व अधिकारी की नियुक्ति का विरोध, डॉक्टर्स को निर्णय अस्वीकार

सागर. मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने फैसला किया है कि मेडिकल कॉलेजों (Medical College) में एडीएम स्तर के अधिकारी को बतौर प्रशासनिक (Administrative) अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। सरकार के इस फैसले का प्रदेश सहित सागर (Sagar) में विरोध (Protest) शुरू हो गया है। 28 दिसंबर को सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) और सीनियर, जूनियर व इंटर्न डॉक्टर ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारियों ने विरोध व्यक्त करने के लिए कई तरह की रचनात्मकता दिखाई। डॉक्टर्स ने विरोध दर्ज करने के लिए भजिया खाए।

ऐसा नहीं होने दिया जाएगा- डॉक्टर सुमित

बुंदेल खंड मेडिकल कॉलेज (Bundel Khand Medical College) में डॉक्टर सुमित रावत ने पत्रकारों को बताया कि सरकार मेडिकल कॉलेजों को राजस्व के अधिकारियों को सौपने जा रही है। जिसका हम विरोध करते हैं। । क्योंकि जहां भी राजस्व या इस प्रकार के अधिकारियों को बैठाया गया, वह संस्थान बंद हो गए या बिक गए हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज शिक्षण संस्थान है। यहां पर विषय से जुड़े लोगों को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इसलिए प्रदेश सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए। यदि सरकार निर्णय नहीं बदलती तो हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे।

प्रदर्शनकारियों ने भजिया खाकर विरोध किया

इस दौरान एमटीए के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। इसके लिए जरूरी नहीं कि हमें भूख हड़ताल करनी चाहिए या फिर स्वयं को कष्ट पहुंचाना चाहिए। हम रोजाना नए तरीकों से विरोध प्रदर्शन करेंगे। विरोध प्रदर्शन को जबलपुर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने समर्थन दिया है। प्रदर्शन स्थल पर डॉक्टरों ने भजिया खाए। 

बीएमसी के असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगी

इसके पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) सागर के फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि डीन के समय पर जवाब पेश नहीं करने के उदासीन रवैये के कारण यह आदेश देना पड़ रहा है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने ताकीद कर कहा कि भविष्य में इसे गम्भीरता से लिया जाएगा। साढ़े तीन साल से बीएमसी में डिमॉन्सट्रेटर के पद पर कार्यरत डॉ. गौरव तिवारी ने याचिका दायर कर कहा कि कॉलेज में विभिन्न पदों पर साक्षात्कार होने थे।

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