रमन अग्रवाल, SAGAR. सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी के बाद प्रसूता की मौत हो गई, जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने बीएमसी प्रबंधन पर लापरवाही पूर्वक इलाज करने का आरोप लगाते हुए जमकर आक्रोश जताया। परिजनों ने शव का पीएम कराने से इंकार कर दिया है। परिजनों का कहना है कि डिलीवरी के बाद मृतिका काजल स्वास्थ्य थी। 3 दिन बाद अचानक तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्लड चढ़ाने के लिए कहा, जिला अस्पताल से लाकर जैसे ही प्रसूता को ब्लड चढ़ाया गया तभी से काजल की तबीयत बिगड़ी और 4 घंटे में ही उसकी मौत हो गई।
आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के गेट पर किया प्रदर्शन
आक्रोशित परिजनों ने बीएमसी के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया और मेन गेट को बंद कर दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही और पैसे लेकर ईलाज करने का आरोप लगाया। सूचना के बाद गोपालगंज पुलिस और सीएसपी मौके पर पहुंचे और मृतिका के परिजनों को गेट से हटया जिसके बाद बीएमसी का गेट खोला गया इस दौरान परिजनों की बीएमसी के गार्डों के साथ हल्की झड़प भी हुई।
16 अक्टूबर को प्रसूता को अस्पताल में किया था भर्ती
दरअसल 16 अक्टूबर को प्रसूता काजल सेन को डिलीवरी के लिए बीएमसी में भर्ती कराया गया था जहां उसने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। 3 दिन बाद 19 अक्टूबर की शाम को बीएमसी के डॉक्टरों ने कहा कि प्रसूता को ब्लड की जरूरत है काजल के परिजन जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से ब्लड एक्सचेंज करके लाए जिसे बीएमसी में चढ़ाने के बाद काजल की तबीयत बिगड़ने लगी। मरीज की तबीयत बिगड़ता देख परिजनों ने उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाने की भी बात कही लेकिन डॉक्टर आईसीयू ले गए जहां रात करीब 9:30 बजे डॉक्टरों ने बाहर निकल कर परिजनों को बताया कि काजल की मौत हो चुकी है।
अस्पताल की नर्सों ने किया अभद्र व्यवहार
काजल की बहन पायल ने बताया कि वार्ड में मौजूद नर्सों का व्यवहार काफी अभद्र रहा। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद भी नर्स और डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बारे में उनसे 5 हजार रूपए भी लिए है पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।