समरथ का नहीं दोष गुसाईं: पार्क की जमीन पर कब्जा कर बनाई निजी पार्किंग

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समरथ का नहीं दोष गुसाईं: पार्क की जमीन पर कब्जा कर बनाई निजी पार्किंग

भोपाल। कांग्रेस (Congress) की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) में वजनदार रहे एक मंत्री ने राजधानी में अपने निजी बंगलों के सामने पार्किंग (Parking) बनवाने के लिए कॉलोनी के पार्क (Park) को ही छोटा करा दिया है। ये वही पार्क है जिसके कायाकल्प के लिए मंत्री जी ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर 60 लाख रुपये खर्च करवाए थे। बता दें कि ये मंत्री तब भोपाल (Bhopal) जिले के प्रभारी मंत्री (Minister in charge) थे और इन्होंने नरेला विधानसभा (Narela Vidhan Sabha) में प्रस्तावित एक नए पार्क की पूरी राशि अपने बंगलों के सामने पार्क को भव्य रूप देने पर न्योछावर करा दी। रेसिडेंशियल एरिया में बने आलीशान दो बंगलों में से एक में पूर्व मंत्री खुद रहते हैं और दूसरे बंगले में उन्होंने फर्नीचर का भव्य शोरूम और कारखाना खुलवा दिया है जिससे कॉलोनी में रहने वाले लोग परेशान हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि तुलसी दास जी की प्रसिद्ध कहावत को चरितार्थ करने वाले ये पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वजनदार नेताजी हैं कौन.. ?

रेसिडेंशियल कॉलोनी में फर्नीचर शोरूम और कारखाना

राजधानी में इस कारनामे को अंजाम देने वाले कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री है डॉ.गोविंद सिंह। वही डॉ.गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) जो कांग्रेस की 15 मीहने वाली कमलनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री (Cooperation Minister) और भोपाल के प्रभारी मंत्री भी थे। उनके प्रोफेसर कॉलोनी में दो मकान हैं। एक बंगला प्लॉट नंबर 9 पर बना है, जिसमें डॉ. गोविंद सिंह रहते है। दूसरा मकान प्लॉट नंबर 1 और 3 पर रेसिडेंशियल की परमिशन लेकर बनाया गया है। लेकिन इसका उपयोग कमर्शियल तौर पर किया जा रहा है। 4 मंजिल मकान के ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर को डॉ. गोविंद सिंह ने किराए पर दे दिया है। जिसमें फर्नीचर का बड़ा शोरूम औऱ कारखाना संचालित किया जा रहा है। जबकि ग्राउंड फ्लोर का उपयोग पार्किंग के लिए किया जाना था। पड़ोस में रहने वाले शख्स ने द सूत्र को बताया कि करीब 8-10 साल पहले डॉ. गोविंद सिंह ने ये दोनों प्लॉट एक महिला से खरीदे थे।

रसूख के चलते करा लिया दूसरी विधानसभा का फंड ट्रांसफर

डॉ. गोविंद सिंह ने कांग्रेस सरकार में भोपाल के तत्कालीन प्रभारी मंत्री होने का भरपूर फायदा उठाया। उन्होंने अपने मकानों के सामने बने पार्क को अपने हिसाब से डेवलप कराने के लिए नगर निगम के अधिकारियों पर दवाब बनाया। जिसका असर ये हुआ कि शहर की दूसरी विधानसभा क्षेत्र में पार्क निर्माण के लिए आवंटित राशि डॉ. गोविंद सिंह के घर के सामने के पार्क पर खर्च कर दी गई।

दरअसल अमृत योजना के तहत नरेला विधानसभा में 1 करोड़ 92 लाख रुपयों की लागत से एकतापुरी, चांदबड़, अशोक विहार और सुभाष नगर में पार्क बनाए जाने थे। लेकिन निगम निगम अधिकारियों ने चांदबड़ में बनने वाले पार्क के 60 लाख रुपये दक्षिण-पश्चिम विधानसभा में स्थित डॉ. गोविंद सिंह के मकानों के सामने खर्च कर दिए। द सूत्र के पास इस पार्क में कराए गए कार्यों के टेंडर के वर्क ऑर्डर की कॉपी मौजूद है।

सरकार गिरने के दो दिन पहले मिली बिल्डिंग परमिशन

पूरे मामले में चौंकाने वाला तथ्य ये भी हैं कि डॉ. गोविंद सिंह को नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन कमलनाथ सरकार गिरने के ठीक दो दिन पहले यानि 18 मार्च 2019  को मिली थी। साफ है कि मंत्री पद जाने से ठीक पहले डॉ. गोविंद सिंह ने नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन जारी कराई थी। इस मामले में द सूत्र ने डॉ. गोविंद सिंह का पक्ष जानना चाहा। उन्हें कई बार फोन लगाए गए, लेकिन नंबर स्विच ऑफ मिला। जिसके बाद उन्हें व्हाट्सएप मैसेज किया गया। डॉ. गोविंद ने मैसेज पढ़ तो लिया, लेकिन जवाब नहीं दिया।

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