सैंड बोआ: इंदौर में दो मुंहा सांप की तस्करी; आरोपी गिरफ्तार, बाजार में कीमत 50 लाख रुपए

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सैंड बोआ: इंदौर में दो मुंहा सांप की तस्करी; आरोपी गिरफ्तार, बाजार में कीमत 50 लाख रुपए

इंदौर. पुलिस ने दो मुंहे सांप (two-faced snake) की तस्करी (smuggling) करने वालों को पकड़ा है। आरोपियों के पास से सैंड बोआ (sand boa) नामका दो मुंहा सांप जब्त किया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपये कीमत है।इसका उपयोग दवाई बनाने और तांत्रिक प्रयोजनों में होता है। परदेशीपुरा थाना प्रभारी पंकज द्विवेदी (police station in-charge Pankaj Dwivedi) ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति एक बैग में एक दो मुंह का सांप लेकर बेचने की फिराक में हुकुमचंद मिल ग्राउंड में आने वाले हैं। इस पर कल्याण मिल तिराहे पर पुलिस बल तैनात किया। कुछ देर इंतजार करने के बाद मुखबिर की सूचना अनुसार दो युवक पहुंचे। एक के हाथ में सफेद झोला था। घेराबंदी की तो दोनों भागने लगे। कुछ दूर जाकर दोनों को पकड़ा।

वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई

आरोपियों के नाम मयूर पिता राजू कुशवाह ( 21) निवासी नरवल और  लोकेश पिता शिवप्रकाश कश्यप (23) निवासी इंदौर है। मयूर के पास झोला था। इसको खोलकर देखने पर इसमें दो मुंहा सांप मिला। इसे सैंड बोआ कहते हैं। आरोपी मयूर ने बताया कि उसने जंगल में से दो मुंहा सांप पकड़ा था। दोस्त लोकेश के साथ मिलकर इसे बेचने जा रहे थे। पता था कि दो मुंहे सांप की कीमत बहुत रहती है और इसका उपयोग दवाई बनाने और तांत्रिक क्रियाओं में होता है। पुलिस ने दोनों आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड देखे लेकिन कुछ नहीं मिला। वन्य जीव संरक्षण (wildlife conservation) अधिनियम के तहत दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया। 

सैंड बोआ नाम क्यों?

यह सांप बालू के नीचे छिपा रहता है, इस वजह से इसका नाम सैंड बोआ पड़ा है। अनाकोंडा की तरह उसकी आंखें उसके सिर पर होती हैं। वह बालू में इस तरह छिप जाता है कि उसका सिर सिर्फ बालू के बाहर नजर आता है। इस तरह जैसे ही शिकार करीब आता है, यह उस पर हमला कर देता है। इसको पालतू भी बनाकर रखा जा सकता है। एक छोटे से टैंक में बालू की एक परत बिछाकर उसके नीचे इसे रखा जा सकता है। इसको गर्म रखने के लिए पास में एक छोटा हीट पैड या छोटा हीट लैंप रखा जा सकता है।

कई बीमारियों के इलाज में असरदार

इस सांप इस्तेमाल कैंसर के इलाज और सेक्स पावर बढ़ाने में किया जाता है। माना जाता है कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी लिंग में उत्तेजना पैदा न होने की समस्या को दूर करने में भी यह काफी कारगर है। इसके अलावा दवा और जोड़ों के दर्द की दवा बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है। वहीं मलयेशिया में इससे जुड़ा एक अंधविश्वास है। लोग मानते हैं कि लाल बोआ किसी इंसान की किस्मत चमका देता है। इसके स्किन का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स और पर्स, हैंडबैग एवं जैकेट बनाने में भी होता है।

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