शंकराचार्य को राजकीय सम्मान के साथ दी गई समाधि, संत के अंतिम दर्शन करने नागरिकों का उमड़ा हुजूम 

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Vivek Sharma
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शंकराचार्य को राजकीय सम्मान के साथ दी गई समाधि, संत के अंतिम दर्शन करने नागरिकों का उमड़ा हुजूम 

 बृजेश  शर्मा, Narsinghpur. ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के ब्रह्मलीन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का सोमवार की शाम 4:00 बजे राजकीय सम्मान के साथ के साथ समाधि दी गई lस्वतंत्रता सेनानी को राष्ट्रध्वज के साथ उन्हें सशस्त्र पुलिस की टुकड़ी ने फायर कर राष्ट्रधुन के बीच सलामी दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ,सुरेश पचौरी समेत अनेक नेताओं ने शंकराचार्य के पार्थिव देह का दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी l 



संत



उत्तराधिकारी घोषित



समाधि के पूर्व उनके पार्थिव देह समक्ष ब्रह्मलीन शंकराचार्य  के निजी सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद सरस्वती ने शंकराचार्य की वसीयत- इच्छा पत्र के अनुसार दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को द्वारका पीठ का एवं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ का उत्तराधिकारी घोषित किया। पंच अग्निपीठ के आचार्य महामंडलेश्‍वर ब्रह्मर्षि रामकृष्‍णानंद ने शॉल श्रीफल देकर दोनों शंकराचार्यों को सम्‍मानित किया। इसके बाद पालकी में शंकराचार्य की पार्थिव देह को समाधि स्‍थल लाया गया और समाधि की प्रक्रिया शुरू की गई। बनारस के आचार्य पंडित अवध राम पांडे के आचार्यत्‍व में भू समाधि कार्यक्रम हुआ।



लोगों की भारी भीड़ उमड़ी



ब्रह्मलीन शंकराचार्य की अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों लोग बड़ी संख्या में उमड़े l अपने गुरु एवं सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर बैठे संत की अंतिम एक झलक पाने के लिए लोग बारिश के बावजूद उमड़ते रहे l काशी विद्वत परिषद के पांच विद्वानों ,श्रन्गेरी शंकराचार्य के प्रतिनिधि बीआर गौरीशंकर, आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्ण आनंद, ब्रह्मचारी  अचलानन्द  आदि ने वैदिक परंपरा के अनुसार समाधि के आवश्यक संस्कार पूर्ण किए l इसके पहले उनका जल अभिषेक कराया गया फिर उन्हें पालकी से भगवती राजराजेश्वरी जी के मंदिर ले जाकर परिक्रमा कराई गई l इसके बाद उन्हें समाधि स्थल ले जाया गया l त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर के नजदीक दी गई समाधि। बारिश के बाद भी डटे रहे , जय गुरुदेव का जय घोष भक्तों का हौसला बढ़ाता रहा l इससे पुलिस बल को भी भीड़ नियंत्रित करने में अच्छी खासी मेहनत करना पड़ीl



 पहले पहुंचे कमलनाथ



 पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष कमल नाथ सबसे पहले झोतेश्वर पहुंचे  lउन्होंने ब्रह्मलीन संत के दर्शन कर मीडिया कर्मियों से हुई बातचीत में कहा कि  सनातन धर्म का तेज सूर्य अस्त हो गया l श्री नाथ ने इस मौके पर दोनों दंडी स्वामियों से भी चर्चा की l



 मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से कहा राजकीय की सम्मान से दें विदाई 



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्टेट हैंगर से  दोपहर करीब 1 बजे पहुंचे  lउन्होंने दर्शन कर मीडियाकर्मियों से कहा कि स्वामी जी सनातन धर्म के ध्वजवाहक और हमारी संस्कृति व जीवन मूल्यों के पोषक योद्धा सन्यासी थे ,जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी l उन्होंने लोगों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी l उनके जाने से प्रदेश सूना हो गयाl मुख्यमंत्री ने कलेक्टर  रोहित सिंह को बुलाकर राजकीय सम्मान के साथ स्वतंत्रता सेनानी शंकराचार्य को विदाई देने कहा l


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