रूचि वर्मा/ शिवराज सिंह राजपूत/ फरीद शेख
BHOPAL: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना में बंदरबांट का खेल एक बार फिर से शुरू हो चुका है। बड़ी बात यह है कि पिछले दिनों खुद CM शिवराज सिंह चौहान के गृहक्षेत्र सीहोर के नसरुल्लागंज में हुए सामूहिक विवाह में घटिया क्वालिटी का सामान देने का मामला सामने आया है। वहीँ खरगोन में योजना के तहत हुए विवाहों में भी जो सामान बांटा गया है, उसकी क्वालिटी पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दरअसल, समाज कल्याण विभाग ने सामूहिक विवाहों में दिए जाने वाले सामानों की क्वालिटी को तय करते हुए बकायदा गाइडलाइन जारी की है। उसमें बताया गया है कि योजना में कौन सा सामान दिया जाना है। साथ ही उसका वजन और क्वालिटी का भी जिक्र है। परन्तु दोनों जगह हुए आयोजनों में उस गाइडलाइन का पालन नहीं हुआ है। वहीँ जब समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से मामले के बारें में बात करी गई तो विभाग ने साड़ी जिम्मेदारी जिला प्रशाशन पर डाल दी। पढ़िए द सूत्र कि ग्राउंड रिपोर्ट:
सीहोर: वेस्ट कपड़े की कतरनों से भरे गद्दे एवं तकिये, घटिया क्वालिटी के पलंग
सीहोर के नसरुल्लागंज में हुए सामूहिक विवाह में करीब 462 जोड़ो कि शादी कि गई थी। इन शादियों में योजना के तहत अन्य सामान सहित सफ़ेद कॉटन की निवाड़ सहित पलंग, ISI मार्क वाला फाइबर कुर्सी एवं टेबल सेट, सीलिंग फैन, LED टीवी, किचन का सामान, कपड़े, मेकअप का सामान, चांदी का मंगलसूत्र, पायल आदि दिया जाने का प्लान था। पर लोगों कि शिकायत है कि गृहस्थी का जो सामान दिया जा रहा है उसमें गड़बड़ी है। दरअसल गाइडलिन के मुताबिक जो गद्दे, रजाई, तकिये एवं चादरें दी जानी थी उनका मापदंड इस प्रकार था:
- 1 गद्दा/ साइज- 4x6/ वजन- 3.5 किलो, कपास की सफेद रूई वाला
परन्तु हकीकत में जो गद्दे बाटें गए हैं उनके अंदर कपास की सफेद रूई नहीं, बल्कि वेस्ट कपड़े की कतरन भरी हुई मिली। इसी तरह सफेद कॉटन की निवाड़ वाला साढ़े 13 किलो वजनी पलंग दिए जाने की गाइडलाइन है, लेकिन दिए गए पलंग का वजन केवल 8 किलो ही निकला। शिकायतें मिलने के बाद जब अधिकारियों ने जांच करी। जांच के वक़्त भी वेंडर्स ने गड़बड़ी करने कि कोशिश करते हुए 8 किलो के पलंग को जबरन 13 किलो का दिखाने कि कोशिश की। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि गद्दों और पलंग के की तरह ही नियमानुसार 24 इंच LED टीवी भी देनी थी मगर वितरित कि गईं टीवी 21 इंच की है। इसी प्रकार कन्याओं के चूड़ी, कंगन, लिपस्टिक, पाउडर, यह सामान भी ख़राब क्वालिटी का दिया गया है।
खरगौन: नहीं मिला पूरा सामान
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में इस तरह की गड़बड़ी का मामला केवल सीहोर ही नहीं बल्कि खरगौन में भी देखने में आया है। यहाँ हुए सामूहिक विवाह के कार्यक्रम में शामिल जोड़ों ने जब सामान को लेकर स्थानीय कांग्रेस विधायक विजय लक्ष्मी साधौ के सामने आपत्ति दर्ज कराई तो साधौ ने मौके पर ही सामान की जांच की। कुछ लोगों ने सामान की गुणवत्ता के साथ ही यह शिकायत भी की कि उन्हें पूरा सामान नहीं मिला।
38 हजार रुपए में पूरा गृहस्थी का सामान!
बता दें कि इस योजना के तहत राज्य के गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों की बेटियों -जिनकी उम्र कम से कम 18 साल हो - की शादी के लिए सरकार आर्थिक मदद देती है। योजना के तहत सरकार अब जरूरतमंदों को 55 हजार की आर्थिक मदद देती है, पहले यह 51 हजार थी। इनमें से 38 हजार रुपए का सामान दिया जाता हैं और 11 हजार रुपए का चेक दिया जाता है। बाकी के 6 हजार अन्य व्यवस्थाओं के लिए खर्च करने के लिए दिए जाते हैं। अब 38 हजार रुपए में सरकार पूरा गृहस्थी का सामान दे रही है।
हमारा काम केवल गाइडलाइन देना, संचालन जिला प्रशासन की जिम्मेदारी: रमेश कुमार, आयुक्त, समाज कल्याण विभाग
समाज कल्याण विभाग के आयुक्त ई रमेश कुमार से द सूत्र ने जब बात कर पूछा कि गड़बड़ियों की शिकायत मिल रही है तो आयुक्त ने दलील दी कि विभाग का काम केवल गाइडलाइन देना है इसका क्रियान्वयन जिला प्रशासन को करना है। और जब तक उनके पास सबूतों के साथ कोई लिखित शिकायत नहीं आती है तब तक वे कोई एक्शन नहीं ले सकते। समाज कल्याण विभाग आयुक्त की ये दलील गले नहीं उतरती क्योंकि इस हिसाब से तो मामले में सारी गड़बड़ी जिला प्रशासन के स्तर पर हो रही है। इसका मतलब यह है कि प्रदेश स्तर पर योजना की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
वेंडर के ऊपर लगेगी पेनल्टी: चंद्र मोहन ठाकुर, कलेक्टर, सीहोर
द सूत्र ने जब इन गड़बड़ियों के बारे में सीहोर कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर से बात कि तो उन्होंने माना कि योजना में जो सामान बात जाना था उसमें दिए गए गद्दों और पलंग में क्वालिटी को लेकर गड़बड़ियां हुई है। जिस वेंडर ने ये सामान दिया है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और पेनल्टी लगाईं जायेगी। फिलहाल के लिए हमने घटिया क्वालिटी वाले गद्दे और पलंग वापस करवा दिए हैं और वेंडर की पेमेंट तभी की जायेगी जब वह निर्धारित क्वालिटी का सामान सप्लाई कर देगा।
मॉनिटरिंग में लापरवाही कि वजह से 16 सालों में भ्रष्टाचार का गढ़ बानी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
बहरहाल ये पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना इस तरह के विवादों के घेरे में आई हो। पहले भी ये योजना भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर चुकी है। ज्ञात हो कि कोविड काल में जब शादियों पर पाबंदी थी, इसी मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना के तहत विदिशा जिले की सिरोंज जनपद पंचायत में 5000 से ज्यादा शादियां कर दी गईं। इस दौरान 30 करोड़ रुपये से ज्यादा बांटने का दावा किया गया था। यही नहीं कागज़ों में शादीशुदा बुजुर्ग,भाई-बहन,बच्चों तक की शादी करवा दी गई थी। वहीँ इससे पहले भी यही योजना सोने के मंगलसूत्र को लेकर विवादों में घिर चुकी है।दरअसल वर्ष 2016 में योजना के तहत सरकार की तरफ से सोने के मंगलसूत्र दिए जाते थे। उस वक़्त मंडला जिले में नकली मंगलसूत्र बांट दिए गए थे। जिसके बाद योजना सवालों के घेरे में आ गई थी और सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इसलिए वर्ष 2017 में फैसला लिया गया कि सोने के मंगलसूत्र नहीं दिए जाएंगे। ये अचरज की ही बात है कि वर्ष 2006 से यानी 16 साल से योजना चल रही है। लेकिन आज तक योजना का क्रियान्वयन ठीक तरीके से हो इसके लिए सरकार फूलप्रूफ प्लान तैयार नहीं कर सकी है।