भोपाल. मध्यप्रदेश के स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध (Hijab controversy) लगाया जाएगा। 8 फरवरी को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने ये बयान दिया था। परमार के इस बयान पर खूब बवाल मचा। इसके एक दिन परमार ने यू-टर्न लिया है। उन्होंने कहा कि कल मैंने स्कूलों में गणवेश (ड्रेस कोड) को लेकर बयान जारी किया गया था। मेरा बयान स्कूलों में समानता और अनुशासन और स्कूल की पहचान के विषय में था। इसलिए मैंने स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू करने का बोला था। लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत अर्थ निकाला और इसे तोड़ मरोड़कर अलग संदर्भ में पूरे देश के सामने पेश किया गया। मैं इसका खंडना करता हूं। वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्य प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। इधर, कांग्रेस ने इसे पांच राज्यों को चुनावी मुद्दा बताया है।
#MP में हिजाब को लेकर ड्रेस कोड वाले बयान से पलटे शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार... @Indersinghsjp @ChouhanShivraj @INCMP @BJP4MP @jitupatwari @sajjanvermaINC #Hizab pic.twitter.com/zzlikQL7VT
— TheSootr (@TheSootr) February 9, 2022
कल ये क्या बोल गए थे परमार: स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा था कि हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। फिर भी कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो हिजाब पहनने पर रोक लगेगी। वे आगे इस मामले पर कहते हैं कि भारत की मान्यता है कि जिस परंपरा में लोग रहते हैं, उसका वे अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में परंपरा का पालन नहीं हो सकता, इसलिए स्कूल के नियमों का पालन करें। स्कूल शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद सियासत गर्माई और बीजेपी और कांग्रेस में इसे लेकर बहस छिड़ गई। जिसके बाद परमार ने सफाई पेश करते हुए कहा कि फिलहाल हम नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं करेंगे। नाही इसको लेकर हम कोई काम कर रहे हैं। पहले से जैसी व्यवस्था चली आ रही है, स्कूलों में वैसी व्यवस्था ही चलेगी।
मध्यप्रदेश के स्कूलों में भी हिजाब पर बैन। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का वीडियो देखें..@schooledump @INCMP @BJP4MP @JansamparkMP #Hijab pic.twitter.com/kzWsNSFnF8
— TheSootr (@TheSootr) February 8, 2022
नरोत्तम ने सरकार का स्टैंड क्लियर किया: गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मिश्रा ने कहा है कि मध्य प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। हिजाब को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव ही सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। जब प्रस्ताव ही नहीं है तो हिजाब पर प्रतिबंध की बात ही बेमानी हो जाती है। हिजाब का मामला कर्नाटक का है, वहां भी यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। कोर्ट के फैसले से पहले ही कांग्रेस इस मामले को तूल देकर फिर एक बार साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। गृह मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून का राज है और यहां की शांति भंग करने की किसी को इजाजत नहीं है। जो भी यह प्रयास करेगा उसे उसकी सजा भुगतनी होगी।
#MadhyaPradesh में #Hijab को लेकर कोई विवाद नहीं है। हिजाब को लेकर कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है, इसलिए कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहे।
कर्नाटक में भी यह पूरा मामला हाईकोर्ट में लंबित है।#Karnataka @mohdept pic.twitter.com/wx7kKMqXnI
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 9, 2022
कांग्रेस के ये तर्क: कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि अचानक से हिजाब का आ जाना, ये सिर्फ पांच राज्यों के चुनाव का एजेंडा है। चुनाव एजेंडे के तहत ही बीजेपी इसे तूल दे रही है। चुनाव के बाद ये मुद्दा खत्म हो जाएगा। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार कहते हैं कि हिजाब को बैन करेंगे। मंत्री भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि स्कूल की मान्यता रद्द करेंगे और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा बोलते हैं कि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं है। सरकार के मंत्रियों की अलग-अलग राय है। इसका मतलब है कि सरकार के मंत्री फैसला ही नहीं कर पा रहे हैं। वैसे भी इस मुद्दों को जबरदस्ती तूल दिया जा रहा है। किस बेटी को क्या पहनना है? ये उसका निजी विचार है।