Jabalpur. ये चौड़े कंधे जिन पर देश की सुरक्षा का बोझ है, ये हिमालय से ऊंचे भाल जिन पर मिट्टी सजती है इस देश की। ये फौलादी हाथ जो एक ही वार में दुश्मन का पूरा हौसला पस्त कर देते हैं। वीरता के जीते जागते सबूत और देश के ये सच्चे सपूत आज उस वक्त भाव विव्हल हो गए जब इनके सम्मान में स्कूली छात्राओं ने न केवल रक्षाबंधन मनाया बल्कि फूलों की बारिश कर इनके शौर्य को नमन किया गया। जबलपुर के मालवीय चौक पर सरस्वती शिशु मंदिर की छात्राओं ने वीर सैनिकों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे और उनसे सदैव देश की रक्षा का वचन लिया। इस दौरान अनेक सैनिकों को अपनी बहन भी याद आ गई और उनकी आंखों में स्नेह और बहन के वात्सल्य की नमी देखी गई।
मालवीय चौक पर विद्याभारती द्वारा यह आयोजन रखा गया था। इस दौरान शक्तिमान ट्रकों से यहां पहुंचे सैनिक जैसे ही अपने वाहन से उतरे लोगों ने फूलों की बारिश कर उनके शौर्य और देशभक्ति के जज्बे का सम्मान किया। इस कार्यक्रम में सरस्वती शिक्षा परिषद, विद्या भारती के अंतर्गत गंगानगर शिशु मंदिर एवं शहर की बहनों के द्वारा हाथ से बनाई हुई राखी बांधकर रक्षाबंधन महोत्सव मनाया गया । बच्चों द्वारा बैंड बजा कर स्वागत किया साथ ही एनसीसी के बच्चियों ने अभिनंदन किया
आयोजकों का कहना था कि वे हर साल अपने घरों से दूर तैनात सैनिकों के लिए रक्षाबंधन का आयोजन रखते हैं। कोरोना काल में यह परंपरा जरूर टूट गई लेकिन इस बार पूरे उत्साह के साथ इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुधीर अग्रवाल ने बताया की ऐसे 50 सैनिकों को जिन्हें कई वर्षों से देश की सेवा के कारण रक्षाबंधन उत्सव स्वयं के घर पर मनाने का मौका नहीं मिल पाया ऐसे सैनिक भाइयों की उपस्थिति से आयोजन महत्वपूर्ण हो गया