GWALIOR : नेशनल सीड कांग्रेस शुरू,कृषि मंत्री बोले वैज्ञानिक ऐसे बीज तैयार करें जिससे देशवासी स्वस्थ्य और सुंदर हों

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Dev Shrimali
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GWALIOR : नेशनल सीड कांग्रेस शुरू,कृषि मंत्री बोले वैज्ञानिक ऐसे बीज तैयार करें जिससे देशवासी स्वस्थ्य और सुंदर हों



GWALIOR .केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कृषि वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे उन्नत बीज के शोध को और आगे बढ़ाएं ताकि हम स्वस्थ्य भारत बनाने की तरफ आगे बढ़ सकें क्योंकि बीज स्वस्थ्य होगा तभी हमारे देशवासी स्वस्थ्य और सुंदर होंगे। श्री तोमर ने यह बात नेशनल सीड कांग्रेस के शुभारम्भ संमारोह में कही।





 तोमर ने  राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय के नव निर्मित दत्तोपंत सभागार का लोकार्पण कर यहां आयोजित 11 वीं नेशनल सीड कॉंग्रेस का शुभारंभ किया।  केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम की वर्चुअल अध्यक्षता की। इस अवसर पर प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल और ग्वालियर महापौर डॉ शोभा सतीश सिकरवार बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।







सीड कांग्रेस का लाभ भविष्य में मिलेगा





मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि नेशनल सीड कांग्रेस में देश के अलग अलग कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि वैज्ञानिक मौजूद हैं जो आज के समय के हिसाब से गुणवत्ता वाले बीज के बारे में चर्चा करेंगे जिसका लाभ किसानों को भविष्य में मिलेगा।







किसानों के हित में एमपी आगे





मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मप्र की शिवराज सरकार लगातार किसानों  के हित में काम कर रही है, हम  किसानों से जुड़े कई मामलों में दूसरे राज्यों से आगे हैं।  कांग्रेस के विरोध पर कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस की अब कोई नहीं सुनता वो अप्रासंगिक हो गई है, पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव बताते हैंकि कांग्रेस अब कभी सत्ता में नहीं आयेगी।





बीज स्वस्थ्य होगा तो मनुष्य स्वस्थ्य और सुंदर होगा





 केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि श्रृष्टि में जो कुछ भी है वह किसी न किसी बीज का ही परिणाम है। बीज की शुद्धता वर्तमान व भविष्य की शुद्धता व सुंदरता होती है। बीज फसल के ही नहीं संस्कारों के भी होते हैं। यदि खाद्यान्न व फल – सब्जी के बीज शुद्ध होंगे तो मनुष्यों के शारीरिक स्वास्थ्य की सुंदरता भी रहेगी। कृषि वैज्ञानिक जब विभिन्न किस्म के बीजों का अविष्कार करते हैं तो उससे देश और दुनिया आत्मनिर्भर होती है।



  उन्होंने इस अवसर पर उम्मीद जताई कि  कि राष्ट्रीय बीज कांग्रेस में देश भर से आए कृषि वैज्ञानिक विचार मंथन कर बीज को लोकोपयोगी बनायेंगे, जिससे देश आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगा। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम की वर्चुअल अध्यक्षता की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में नवनिर्मित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार का लोकार्पण भी अतिथियों ने किया।



    कृषि विश्वविद्यालय के नवनिर्मित दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित हुए नेशनल सीड कांग्रेस के उदघाटन सत्र में प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री  कमल पटेल, सांसद  विवेक नारायण शेजवलकर (वर्चुअल), महापौर ग्वालियर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव  अश्विनी कुमार, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आर सी अग्रवाल, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव, आयोजन सचिव डॉ. एस के शर्मा, क्षेत्रीय निदेशक आईसीएआरडीए नईदिल्ली डॉ. शिवकुमार अग्रवाल व डॉ.  सुरेश मोटवानी मंचासीन थे।



        



खाद्य फसलों के उत्पादन में भारत अग्रणी





 केन्द्रीय कृषि मंत्री  तोमर ने नेशनल सीड कांग्रेस के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज अधिकांश खाद्य फसलों के उत्पादन में विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में शामिल है। इसमें किसानों के परिश्रम व सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधानों का भी अहम योगदान है। उन्होंने इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को ध्यान में रखकर ऐसे अनुसंधान करें, जिससे हर तरह की परिस्थिति में किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें। साथ ही देश दलहन व तिलहन उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बने। श्री तोमर ने कहा कि कृषि की उन्नति के लिये सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। लेकिन इसके लिये केवल अच्छी नीतियाँ व फण्ड होना ही पर्याप्त  नहीं है, उच्च कोटि के बीजों के अविष्कार की भी जरूरत है, जिससे उत्पादकता बढ़े और देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। इसमें कृषि वैज्ञानिकों की महती जवाबदारी है।





ड्रोन तकनीक से दे रहे हैं कृषि को बढ़ावा





केन्द्रीय मंत्री  सिंधिया ने इस अवसर पर यह भी कहा कि उन्नत कृषि तकनीक की दिशा में नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी कृषि विभाग के साथ समन्वय बनाकर ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। इस तकनीक से किसानों के समय और कीटनाशकों पर होने वाले खर्च में तो कमी आती ही है। साथ ही किसानों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और फसल उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होती है। इस अवसर पर उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि वे इस तीन दिवसीय विचार मंथन के दौरान जलवायु परिवर्तन से कृषि पर पड़ रहे प्रभाव का विश्लेषण करें और ऐसे बीज खोजें जो सूखे व पानी दोनों में अच्छा उत्पादन दे सकें।





भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपनिदेशक डॉ. आर सी अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि उत्कृष्ट शिक्षा परियोजना के तहत ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालय को भी मदद दी जा रही है, जिससे मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।



स्वागत उदबोधन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस के राव ने दिया। उन्होंने नेशनल सीड कांग्रेस की विषय वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही अच्छे बीजों के महत्व को प्रतिपादित किया। आरंभ में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर 11वी राष्ट्रीय सीड कांग्रेस का विधिवत शुभारंभ किया। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में पहुँचने के बाद केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यर्पण किया।





अत्याधुनिक सभागार का हुआ लोकार्पण





    केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अन्य अतिथियों ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय परिसर में दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम से  नवनिर्मित एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 750 व्यक्तियों की बैठक क्षमता वाले भव्य सभागार का लोकार्पण भी किया। लगभग 3 हजार 310 वर्ग मीटर में निर्मित इस सभागार का निर्माण लगभग 23 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत से किया गया है। इस सभागार में 4 संगोष्ठि कक्ष, 2 लिफ्ट, कैफेटेरिया, रसोई घर, भण्डार कक्ष, महिला व पुरूषों के लिये अलग-अलग शौचालय, अतिविशिष्ट प्रतीक्षालय, पुरूष एवं महिलाओं के लिये अलग-अलग ग्रीन रूम इत्यादि सुविधाएँ शामिल हैं।





कृषि वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों एवं उन्नत कृषकों को किया सम्मानित





    केन्द्रीय मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर एवं अन्य अतिथियों ने सीड कांग्रेस के उदघाटन सत्र में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों, अनुसंधान में संलग्न विद्यार्थियों एवं उन्नत कृषकों को प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। इनमें संरक्षित खेती में अहम योगदान देने के लिये दतिया के कृषक श्री छत्रपाल सिंह पटेरिया, फसल विविधीकरण के लिये उज्जैन के कृषक श्री राजेन्द्र सिंह सोलंकी व अंतरवर्तीय फसल प्रणाली के लिये नर्सिंगपुर जिले के कृषक श्री कृष्णपाल सिंह लोधी को 10 – 10 हजार रूपए की राशि के चैक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इसी प्रकार राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की छात्रा को श्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार 2021 व डॉ. भरत लाल को प्रदान किया गया। इनके अलावा श्रेष्ठ महाविद्यालय श्रेणी पुरस्कार उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर, श्रेष्ठ विस्तार विशेषज्ञ पुरस्कार कृषि विज्ञान केन्द्र धार के कृषि वैज्ञानिक डॉ. गबू सिंह, श्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार डॉ. सुष्मा तिवारी कृषि महाविद्यालय ग्वालियर, बेस्ट फार्म मैनेजर पुरस्कार केव्हीके झाबुआ के डॉ. जगदीश मौर्य को प्रदान किया गया। इसके अलावा अन्य कृषि वैज्ञानिकों को भी पुरस्कृत किया गया। साथ ही विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध अनुसंधान पत्रों का भी इस अवसर पर अतिथियों ने विमोचन किया।



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