ग्वालियर. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए केंद्रीयमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चम्बल अंचल में अपनी सियासी पकड़ बढ़ाने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं। इस दौरान वे अपने समर्थकों के साथ घुलने -मिलने के मौके भी खोज लेते हैं। बीती रात जब उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों के लिए एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया तो उसमें भी उन्होंने अपने "शाही अंदाज़"से इतर व्यवहार का प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी बड़े बीजेपी नेता अपनी यात्राओं में किसी अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता के घर भोजन करने जाते हैं लेकिन सिंधिया ने इससे भी आगे बढ़ते हुए इस वर्ग के एक कार्यकर्ता को अपनी ही प्लेट में खाना खिलाया।
अनुसूचित जाति सामाजिक संवाद
सिंधिया ने शनिवार को ग्वालियर में एक मैरिज गार्डन में अनुसूचित जाति सामाजिक संवाद नामक एक कार्यक्रम आयोजित करवाया था। इस कार्यक्रम में संभाग भर के बीजेपी से जुड़े और कांग्रेस से उनके साथ आये अनुसूचित जाति के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया गया था। इस आयोजन में बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य,प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट सहित अनेक पूर्व विधायक और इस समाज के नेता भाग लेने पहुंचे थे। इसका सञ्चालन संघ से जुड़े बीजेपी के जिला महामंत्री हरीश मेवाफरोश ने किया। इस आयोजन के पीछे मकसद बीजेपी से दूर हो चुके दलित वर्ग को वापिस अपनी तरफ खींचने का प्रयास है। जब उपचुनाव हुए थे तो अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित डबरा ,गोहद और करैरा जैसी सीटों पर बीजेपी ने ने पूर्व में जीते लोगों को ही टिकट दिया लेकिन जनता ने नकार दिया। अम्बाह और भांडेर जैसे -तैसे जीत सकी। इसलिए सिंधिया ने इस संवाद की शुरुआत इसी दर्द के साथ की और उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अब 2 अप्रैल 2018 के दिन को भूलें वह दिन इतिहास का एक काला दिन था। जिसे भुलाकर हमें सभी समाजों के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा।
सबको परोसा भोजन
इसमें सिंधिया अपने अलग ही अंदाज़ में नजर आये उन्होंने लोगों को नाम ले - लेकर तो कभी जिलों के नाम ले - लेकर बुलाया और सबको आने हाथ से प्लेट में खाना लगा - लगाकर भी दिया। इसके बाद जब वे पूर्वमंत्री इमरती देवी सुमन के बगल की टेबल पर होने की प्लेट लेकर बैठे तो उनके सामने की टेबल पर उन्होंने गुना के बीजेपी के पुराने नेता और अनेक बार विधायक रहे गोपीलाल जाटव को बैठे देखा तो उनकी तरफ अपनी प्लेट खिसककर उनसे आग्रह किया और बोले - लीजिये गोपी लाल जी इसी में से ले लीजियेगा। इसी में साथ में खाना खा लें। इसके बाद दोनों ने थोड़ा-थोड़ा खाना खाया और बातें भी कीं।
सिंधिया बोले - यह हमारी परम्परा
अपने हाथ से प्लेट लगाकर सभी को खाना परोसने को लेकर मीडिया ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि यह हमारी परम्परा है कि हम पहले सबकोखाना परोसते हैं और उसके बाद खुद खाना खाते हैं।
इमरती हो गयीं थीं भावुक
इसी दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहाकि आप लोगों से मेरे संबंध परिवार के सम्बन्ध है जो पीढ़ियों से जुड़े हैं और मैं रहूँ न रहूँ यह संबंध बने रहेंगे। इसी बात को सुनकर इमरती देवी भावुक हो गयीं थी और उनके आंसूं पोंछते वीडियो वायरल हुए थे