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GWALIOR. 57 सालों बाद ग्वालियर नगर निगम में मेयर पद पर बुरी तरह हारने के झटके से अब बीजेपी के बड़े नेता उबरने लगे है। परिणाम आने के बाद से ही पार्टी के बड़े नेता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद तोमर, केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, में से कोई भी ग्वालियर नही आये। हालांकि सभापति जीतने के बाद उन्हें राहत मिली तो इन्होंने ग्वालियर का रुख किया । शुक्रवार को तोमर थोड़ी देर के लिए ग्वालियर आये लेकिन मीडिया से नही मिले। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिन के दौरे पर ग्वालियर पहुंचे । उन्होंने हार पर भी प्रतिक्रिया भी दी लेकिन कांग्रेस की मेयर को लेकर उन्होंने बड़ा ही संतुलित रिएक्शन दिया।
एक निजी मीडिया सेंटर के उदघाटन में पहुंचे । उन्होंने पहली बार मेयर चुनाव की पराजय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। जब उनसे पूछा कि 57 वर्ष बाद बीजेपी ग्वालियर में हार पर आपका क्या मानना है ?उन्होंने कहाकि हार और जीत लोकतंत्र का हिस्सा है। ये सच है कि हम मेयर पद पर हार गए । इसके कारणों की तलाश कर हम आगे बढ़ेंगे लेकिन यह भी सही है कि परिषद में हमारा बहुमत है । जनता ने हमें बहुमत हमे दिया।
मेयर को लेकर ये बोले सिंधिया
सिंधिया से जब पूछा कि परिषद में बीजेपी को बहुमत होने से मेयर को काम करने में कितनी दिक्कत आएगी ? इस पर सिंधिया बाकी बीजेपी नेताओं की तरह आक्रमक नही दिखे बल्कि उन्होंने बड़ी ही संतुलित प्रतिक्रिया दी । उन्होंने कहाकि मुझे नहीं लगता इससे शहर का विकास प्रभावित नही होगा । मेयर डॉ शोभा सिकरवार हो या हमारे पार्षद सब शहर के विकास के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। सिंधिया परिवार सदैव से ग्वालियर के विकास के लिए सोचता रहा है और हम भी इस विचार को लेकर काम करते हैं।