कवि छोकर, Sehore.भारतीय नौ सेना में नव गठित विंग के साथ अब प्रदेश के सीहोर शहर का नाम भी हमेशा के लिए जुड़ गया है। इस विंग के जांबाज सैनिक अब धरती पर रहें या आसमां में, जहां भी रहेंगे सीहोर का हुनर उनके कंधों पर नजर आएगा। साथ ही शहर की शान फैलाएगा। यह हुनर है सीहोर के युवा अचल साहू (Achal Sahu) का, जिसके डिजाइन किए हुए लोगो (Logo) को भारतीय नौ सेना (Indian navy) ने अपनी नई विंग के लिए मंजूरी दी है।
भारतीय नौ सेना में हाल ही में एक नई विंग (New wing) एयरक्राफ्ट कैरियर विंग (Aircraft Carrier Wing of Navy) INAS 325 का गठन किया गया है। इस एयरक्राफ्ट विंग में तैनात किए गए सैनिकों की नई वर्दी (Uniform) के लिए नए लोगो की जरूरत महसूस की गई। जगह-जगह के कई लोगों से डिजाइन तैयार कराई जा रही थी। अचल साहू (Achal Sahu) के एक रिश्तेदार भी नौ सेना में कार्यरत हैं। उन्हें अचल के इस हुनर (Art) का अंदाज था तो उन्होंने इसकी जानकारी दी। अचल ने अपनी ओर से लोगो के कई डिजाइन बनाकर नौ सेना को भेजे थे। इन्हीं में से एक लोगो को भारतीय नौ सेना ने मंजूर किया है। अचल बचपन से ही कंप्यूटर के जरिए डिजाइनिंग (computer design) का काम शौकिया तौर पर करते रहते हैं, उन्हें पेंटिंग और कंप्यूटर डिजाइनिंग के जरिए स्कैच बनाने का भी शौक है। इसके लिए स्कूल स्तर से ही काफी अवार्ड व सर्टिफिकेट भी मिल चुके हैं। राज्यपाल द्वारा उन्हें डिजाइनिंग के लिए अवार्ड मिल चुका है।
घर पर कैप आते ही झूम उठा परिवार
अचल अपनी ओर से डिजाइन नौ सेना को भेजकर भूल चुके थे, लेकिन एक दिन अचानक भारतीय नौ सेना की ओर से एक लिफाफा आया। इसमें विंग कमांडर के स्वीकृति पत्र के साथ एक कैप (cap) भी मिली। इस पत्र के साथ अचल को पता चला कि उसके द्वारा डिजाइन किए लोगो को भारतीय नौ सेना की विंग ने अपनाने का निर्णय लिया है। इस पत्र के मिलते ही अचल साहू के परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भारतीय नौ सेना की विंग आईएनएएस 325 के जवान और अधिकारी अपनी वर्दी व कैप पर यह लोगो लगाएंगे।
परिवार ने लौटाई पारिश्रमिक की पेशकश
नौ सेना विंग ने अचल साहू को इस डिजाइन के लिए पारिश्रमिक देने की पेशकश भी की थी, लेकिन अचल ने इंकार कर दिया। लोगो को मिली स्वीकृति और वहां से आए लैटर एवं केप को ही अपने लिए सम्मान माना। नौ सेना की ओर से कुछ सुझाव भी अचल को दिए गए है। अचल का कहना है कि वह कैरेक्टर आर्टिस्ट बनना चाहता है और इसके लिए वह लगातार प्रेक्टिस भी कर रहा है। प्रायवेट जॉब करने वाले पिता राजेश साहू व परिवार भी उसके इस हुनर को आगे बढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। अब नौ सेना की ओर से यह सम्मान मिलने पर पूरा परिवार उसके हुनर का कायल हो गया है तो पड़ोसी, मित्र व परिजन इसे अपनी भी शान समझते हुए बधाई दे रहे हैं।