Sehore: महिला को चुनाव लड़ने से रोका, चुनाव की निष्पक्षता पर उठे सवाल

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Kavi Chhoker
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Sehore: महिला को चुनाव लड़ने से रोका, चुनाव की निष्पक्षता पर उठे सवाल

Sehore. सबको चुनाव लड़ने का अधिकार होता है। महिलाओं को चुनाव लड़ने का अधिकार देते हुए 50 प्रतिशत आरक्षण (Reservation) भी दिया जाता है। दूसरी ओर निर्वाचन आयोग (Election Commission) चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाता जागरूकता अभियान चलाता है। लेकिन आरोप है कि सीहोर जिले के आष्टा (Ashta) में सिस्टम की लापरवाही से वार्ड नंबर- 7 निवासी एक महिला दावेदार का फर्जी तरीके से मतदाता सूची से नाम हटाया गया। ताकि चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सके।  इसके साथ ही मतदान का अधिकार छीन लिया गया। अब महिला दावेदार अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है।



कांग्रेस मैदान में आई



कांग्रेस के दिग्गज नेता हरपाल सिंह ठाकुर (Harpal Singh Thakur) ने चुनाव की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि महिला उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से वंचित किया गया है। इसमें स्थानीय नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत है। वहीं अब सिस्टम की लापरवाही को छुपाने के लिए स्थानीय अधिकारी लीपापोती में लग गए हैं।



फर्जी आवेदन देकर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर हटाया नाम



पीड़ित महिला ने मीडिया से अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि एक तरफ तो सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात करती है और दूसरी ओर महिला होने के कारण मुझे चुनाव लड़ने से वंचित किया जा रहा है। मुझसे मतदान करने का अधिकार भी छीन लिया है। महिला दावेदार रानू (Ranu) बताती हैं कि मेरा मायका और सुसराल एक ही वार्ड 7 में है। 


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